केराकत (जौनपुर)।
शारदा सहायक खंड-36 की नहर में पानी न आने से केराकत विकासखंड के सैकड़ों किसानों की धान की फसल संकट में घिर गई है। क्षेत्र के लगभग 400 एकड़ खेतों में अब तक धान की रोपाई नहीं हो पाई है, जिससे किसान चिंतित हैं और आसमान की ओर उम्मीद लगाए बैठे हैं।
बारिश न होने के साथ-साथ नहरों में समय से पानी न छोड़े जाने से किसानों की तैयार की गई धान की नर्सरी सूखने लगी है। इस हालात में खेतों की तैयारी और रोपाई का कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा है। किसान दिन-रात मेहनत करके फसल की तैयारी करते हैं, लेकिन जब समय पर पानी न मिले तो उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है।
प्रदेश सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि धान की रोपाई के समय नहरों में पूरी क्षमता के साथ 24 घंटे पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि अंतिम छोर तक पानी पहुंच सके। बावजूद इसके सिंचाई विभाग के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। किसानों का आरोप है कि विभागीय उदासीनता के कारण वे प्राकृतिक आपदा और प्रशासनिक उपेक्षा दोनों का शिकार हो रहे हैं।
स्थानीय किसान महेन्द्र यादव ने बताया, “हर साल की तरह इस बार भी उम्मीद थी कि समय से पानी मिलेगा, लेकिन नहरें सूखी पड़ी हैं। अब रोपाई का समय निकलता जा रहा है, अगर जल्द पानी नहीं मिला तो फसल चौपट हो जाएगी।”
किसानों ने सिंचाई विभाग और प्रशासन से मांग की है कि तत्काल नहरों में पानी छोड़ा जाए, ताकि उनकी मेहनत बचाई जा सके और क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।