श्रावण में भक्तों को मिला ‘गंदगी’ का प्रसाद: प्राचीन हनुमान मंदिर बना कूड़े का अड्डा, श्रद्धालु परेशान

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जौनपुर/केराकत।
श्रावण माह में जब लाखों श्रद्धालु भक्ति और आस्था में डूबे हुए हैं, वहीं जौनपुर के डोभी ब्लॉक अंतर्गत बजरंग नगर बाजार स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर बदहाली और प्रशासनिक लापरवाही का शिकार बना हुआ है। मंदिर परिसर में चारों ओर कूड़े के ढेर, जलजमाव और दुर्गंध ने श्रद्धा के इस स्थल को नारकीय बना दिया है।

उत्तर प्रदेश सरकार जहां सावन के इस पावन महीने में मंदिरों की साफ-सफाई और भक्तों की सुविधा के लिए सख्त निर्देश दे रही है, वहीं बजरंग नगर बाजार का यह ऐतिहासिक मंदिर व्यवस्था की उपेक्षा पर रो रहा है।

श्रद्धालु लौट रहे हैं निराश होकर:————–
श्रावण सोमवार को ‘बोल बम’ के जयघोष के साथ कांवरिए जब दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं, तो उन्हें गंदगी, बदबू और पानी से भरा मंदिर परिसर दिखाई देता है। यह दृश्य आस्था को गहरा आघात पहुंचाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि भक्त मंदिर में रुकना तो दूर, दर्शन के बाद जल्द से जल्द वहां से निकल जाना ही उचित समझते हैं।

समाजसेवी ने उठाई आवाज:—————-
स्थानीय समाजसेवी शिव शंकर सिंह ने बताया कि यह मंदिर राम, लक्ष्मण, सीता, दुर्गा, गणेश, साईं बाबा और शिव मंदिरों से जुड़ा एक मध्य धार्मिक केंद्र है। आजमगढ़, लालगंज और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। श्रद्धालु भोजन बनाकर यहीं विश्राम करते हैं, लेकिन अब गंदगी की वजह से लोग रुकना बंद कर चुके हैं।

बीमारियों का खतरा मंडराया:————–
गंदगी और जलजमाव के चलते क्षेत्र में मलेरिया, डेंगू और अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बरसात के मौसम में कूड़े के ढेरों में पानी भर जाता है, जिससे मच्छर पनपते हैं और तीव्र दुर्गंध फैलती है।

प्रशासन मौन, जनता हताश:—————
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। एक ओर सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कर रही है, दूसरी ओर मंदिर जैसे आस्था के स्थल स्वच्छता के नाम पर उपेक्षित हैं।

मांगें और अपील:———–
स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से तत्काल मंदिर परिसर की साफ-सफाई, जलनिकासी और नियमित कूड़ा उठाने की व्यवस्था की मांग की है। साथ ही इस धार्मिक स्थल को स्थायी रूप से स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने के लिए उचित योजनाओं की आवश्यकता बताई है।

यह केवल मंदिर नहीं, आस्था का केंद्र है, इसे गंदगी का अड्डा बनने से बचाना होगा।

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