तकनीकी खेती से किसानों को मिलेगी नई उड़ान, आत्मा योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न

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जौनपुर।
किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शनिवार देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में ‘आत्मा’ (सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन) योजना की अधिशासी समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जौनपुर एक कृषि प्रधान जिला है और यहां तकनीकी खेती को अपनाकर किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील समन्वय और आधुनिक तकनीक के सहारे पारंपरिक खेती से आगे बढ़ते हुए किसान नई संभावनाओं को साकार कर सकते हैं।

उन्होंने प्रशिक्षण, प्रदर्शन और जागरूकता कार्यक्रमों को ज़मीन स्तर पर लागू करने पर बल दिया, जिससे किसान नई तकनीकों से परिचित हो सकें और उनका लाभ उठा सकें।

6.78 करोड़ की कार्य योजना को मिली मंजूरी

बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए कृषि तकनीकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) और उत्तर प्रदेश श्री अन्न (मिलेट्स) पुनरोद्धार कार्यक्रम की कार्य योजनाओं को अनुमोदित किया गया।
इसमें:

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) के तहत ₹4.26 करोड़, संपूर्ण कृषि योजना में कुल ₹6.78 करोड़ खर्च किए जाने का प्रावधान तय किया गया।

देश की प्रतिष्ठित कृषि संस्थानों में प्रशिक्षण की तैयारी

जिलाधिकारी ने उप कृषि निदेशक को निर्देश दिया कि किसानों को देश की प्रमुख कृषि संस्थाओं में भ्रमण और प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए। इसका उद्देश्य किसानों को नई तकनीकों से जोड़ना और उनकी उत्पादकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने में मदद करेगी।

प्राकृतिक खेती और मिलेट्स पर विशेष जोर

बैठक में गौ आधारित प्राकृतिक खेती और श्री अन्न (मिलेट्स) को भी बढ़ावा देने की दिशा में विशेष रणनीतियों पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि इन उपायों से न केवल उत्पादन लागत घटेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और कृषि की दीर्घकालिक स्थिरता भी सुनिश्चित होगी।

उपस्थित अधिकारी एवं विशेषज्ञ

बैठक का संचालन डॉ. रमेश चंद्र यादव (उप परियोजना निदेशक, आत्मा) ने किया। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी ध्रुव खाड़िया, जिला विकास अधिकारी मीनाक्षी देवी, उप कृषि निदेशक हिमांशु पांडे, जिला कृषि अधिकारी विनय सिंह, जिला उद्यान अधिकारी डॉ. सीमा सिंह राणा, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कुमार कन्नौजिया, डॉ. आरके सिंह समेत कई विशेषज्ञ और समिति के सदस्य उपस्थित रहे।

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