रेलवे नेटवर्क के ज़रिए नशे का नेटवर्क! आरपीएफ-एनसीबी की जॉइंट रेड में खुलासा
तरुणमित्र मनीष श्रीवास्तव
मुंबई/पनवेल।
रेलवे नेटवर्क के ज़रिए देशभर में फैल रहे ड्रग्स तस्करी के जाल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई और बेंगलुरु की आरपीएफ और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की संयुक्त टीम ने मंगला एक्सप्रेस में छापेमारी कर 36 करोड़ रुपये की कोकीन बरामद की है। चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी एक नाइजीरियन महिला थी, जो एक दुधमुंहे बच्चे के साथ यात्रा कर रही थी ताकि शक की कोई गुंजाइश न रहे।
सूचना के आधार पर पनवेल स्टेशन पर ऑपरेशन
यह कार्रवाई ट्रेन संख्या 12618, मंगला एक्सप्रेस में की गई। बेंगलुरु एनसीबी को गुप्त सूचना मिली थी कि इस ट्रेन में नशीले पदार्थों की खेप लाई जा रही है। इस सूचना को वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ऋषि शुक्ला के संज्ञान में लाया गया, जिन्होंने तुरंत एक संयुक्त कार्रवाई टीम गठित की।
टीम में एनसीबी बेंगलुरु से मुरारी लाल और मधुसूदन विश्वकर्मा तथा मुंबई आरपीएफ की ओर से अंजनी बाबर, सतीश यादव, नवीन सिंह, प्रहलाद सिंह, प्रहलाद पाटिल, ज्योति कुशवाह और धीरेंद्र यादव शामिल थे। टीम ने ट्रेन के पनवेल स्टेशन पर पहुंचते ही कोच A-2 की सीट संख्या 27 पर सघन तलाशी अभियान चलाया।
बच्चे के सामान में छिपाकर लाई गई कोकीन
एक नाइजीरियन महिला, जिसने अपना नाम एतुमुदोन डोरिस बताया, अपने शिशु “मिरेकल” के साथ यात्रा कर रही थी। तलाशी के दौरान उसके बहुरंगी ट्रैवल बैग से रबर के कपड़े में लिपटे दो संदिग्ध काले पैकेट मिले जिन पर “विंटेज” लिखा था।
एनसीबी की ड्रग डिटेक्शन किट से परीक्षण में पता चला कि पैकेट में 2 किलो से अधिक उच्च गुणवत्ता वाली कोकीन है। इसके अलावा केलॉग्स कॉर्न फ्लेक्स के पैकेट में लगभग 1.5 किलो मेथामफेटामाइन भी पाया गया।
पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम और टिकट बुकिंग
महिला ने अपने असली नाम की जगह 32 वर्षीय एन.ई. अबेना के नाम से फरीदाबाद से पनवेल तक का टिकट बुक कराया था। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, यह एक सुनियोजित योजना थी मासूम बच्चे की आड़ में मादक पदार्थों की तस्करी कर देश के बड़े शहरों तक नशे का जाल फैलाया जा रहा था।
नाइजीरियन गिरोहों पर शिकंजा कसने की तैयारी
पकड़ी गई महिला से पूछताछ जारी है और माना जा रहा है कि वह किसी अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का हिस्सा है, जिसका जाल मुंबई, नवी मुंबई और आसपास के इलाकों में फैला हुआ है। सुरक्षा एजेंसियां अब नाइजीरियन नागरिकों के नेटवर्क और संभावित सहयोगियों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ड्रग तस्करी के नेटवर्क कितने शातिर और योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। लेकिन अब रेलवे सुरक्षा बल और एनसीबी जैसे संगठन इन्हें बेनकाब करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।