रेलवे में भ्रष्टाचार की पटरी पर दौड़ता सिस्टम

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13 साल से एक ही जगह जमे एसएसई पर गंभीर आरोप

जौनपुर। रेलवे विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हो चुकी हैं, इसका उदाहरण जौनपुर में कार्यरत सेक्शन इंचार्ज (एसएसई/वर्क्स) संजय कुमार को देखकर लगाया जा सकता है। करीब 13 वर्षों से एक ही स्थान पर जमे संजय कुमार पर ठेकेदारों से भारी कमीशन की मांग, काम में अनावश्यक अड़चनें डालना, और मनमानी रवैये जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

सूत्रों की मानें तो एसएसई संजय कुमार अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हर छोटे-बड़े काम के एवज में मोटी रकम की मांग करते हैं। ठेकेदारों का आरोप है कि बिना घूस दिए कोई काम स्वीकृत नहीं होता, और यदि कोई ठेकेदार उनकी शर्तें मानने से इनकार कर दे, तो उनका काम लंबित पड़ा रहता है।

एक ठेकेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया संजय कुमार के चलते कई परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पातीं। वह रेलवे नियमों का सहारा लेकर लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं।

इतना ही नहीं, रेलवे विभाग के कर्मचारी भी उनके व्यवहार से नाखुश हैं। कर्मचारियों का कहना है कि संजय कुमार का तानाशाही अंदाज़ विभागीय कार्यशैली और छवि दोनों को नुकसान पहुँचा रहा है।

आश्चर्य की बात यह है कि उनके खिलाफ बीते वर्षों में कई शिकायतें दर्ज कराई गईं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बताया जाता है कि तबादले की हर कोशिश को वह किसी न किसी तरीके से विफल कर देते हैं और मलाईदार पद पर बने रहने में सफल रहते हैं।

स्थानीय लोगों और ठेकेदारों ने रेलवे बोर्ड से मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस संदर्भ में वरिष्ठ रेल अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

यह मामला केवल एक अधिकारी का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, जो समय रहते सुधारा न गया तो भविष्य में और भी गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

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