पंकज सीबी मिश्रा/पत्रकार जौनपुर
पूर्वांचल लाईफ न्यूज : दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहें और एक एक करके अब नेता वाशिंग मशीन में धुलने के लिए तैयार हो रहें जिसमें पहले नंबर पर आम आदमी सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत है जिन्होंने आप छोड़ी अर्थात राजनीतिक भाषा में कहे तो आप की चलती बस से कूद गए। कैलाश नें गैंगबाजी के चलते केजरीवाल को लिखा- पार्टी ने केंद्र से लड़ने में समय बर्बाद किया, वादे पूरे नहीं किए। दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार सुबह आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर ट्विटर प्लेटफार्म एक्स से इस्तीफे का ऐलान किया और पार्टी का सिंबल भी डीपी से हटा लिया । गहलोत ने केजरीवाल को लिखे लेटर में यमुना की सफाई के मुद्दे को लेकर आलोचना की। उन्होंने कहा- आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से लड़ाई करने में बहुत वक्त बर्बाद किया। पार्टी ने जनता से किए वादे पूरे नहीं किए। दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री और नजफगढ़ सीट से विधायक कैलाश गहलोत ने रविवार को मंत्री पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अचानक उनके इस्तीफे के बाद अब यह चर्चा है कि वो अब क्या करेंगे ? वह बीजेपी ज्वाइन करेंगे या कांग्रेस ? दिल्ली की सीएम आतिशी ने गहलोत का इस्तीफा स्वीकार करते हुए कहा कि ये भाजपा का राजनीतिक षड्यंत्र है। भाजपा दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव ईडी और सीबीआई के बल पर जीतना चाहती है। तो मतलब अतिशी मानती है कि उनके मंत्री भ्रस्टाचार किए है इसलिए ईडी से डर रहें। उधर आप नेता संजय सिंह ने कहा- दिल्ली चुनाव से पहले मोदी वॉशिंग मशीन सक्रिय हो गई है। अब कई नेता इस मशीन के जरिए भाजपा में शामिल किए जाएंगे। कैलाश गहलोत ने 2015 में आम आदमी पार्टी जॉइन की थी। वे 2017 में कैबिनेट मंत्री बने। पेशे से वकील कैलाश गहलोत ने राजनीति में आने से पहले 10 साल तक सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कई बड़े केस लड़े।गहलोत ने आगे लिखा कि मैं यह भी साझा करना चाहता हूं कि आज आम आदमी पार्टी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। चुनौतियां भीतर से हैं, उन मूल्यों के लिए जो हमें एक साथ लाए थे। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पीछे छोड़ दिया है जिससे कई वादे अधूरे रह गए हैं। उदाहरण के लिए यमुना को एक स्वच्छ नदी में बदलने का वादा किया था,लेकिन ऐसा हमने कभी नहीं किया। अब यमुना नदी शायद पहले से कहीं ज्यादा प्रदूषित है।