जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में उमा नाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर और वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के संयुक्त तत्वावधान में सतत चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत मास्टरिंग मेडिकल इमरजेंसी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जो चिकित्सा क्षेत्र में लोगों को क्षमता बनाए रखने और अपने क्षेत्र के नए और विकासशील क्षेत्रों के बारे में जानने में मदद करती है। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में प्रो० वंदना सिंह, कुलपति, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर रहीं। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में मेडिकल कॉलेज के साथ संयुक्त रूप से आयोजित हो रही कार्यशाला की विषय वस्तु को आज के समय में प्रासंगिक बताते हुए इस तरह के कार्यशालाओं और प्रशिक्षण के महत्व के साथ ही साथ जीवन में उसकी क्या अहमियत है, उस पर प्रकाश डाला। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ शिव कुमार ने सतत चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत आयोजित इस कार्यशाला के विषय चिकित्सा आपातकाल में निपुणता के बारे में अवगत कराया तथा जीवन में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े छात्रों को आपातकाल में क्या ठोस कदम उठाने चाहिए, जिससे कि लोगों को सही समय पर उपयुक्त उपचार दिया जा सके। आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न सत्रों में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने मेडिकल इमरजेंसी से जुड़े विभिन्न विषयों पर उपस्थित प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। विशेष अतिथि के रूप में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो अजय द्विवेदी जी रहे। इस अवसर कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ए. ए. जाफरी, डॉ रुचिरा सेठी, डॉ तबस्सुम, डॉ आशीष यादव, डॉ उमेश सरोज, डॉ विनोद वर्मा, डॉ सचिदानंद सहित कार्यशाला के आयोजन समन्वयक डॉ मनोज कुमार पाण्डेय, आयोजन सचिव डॉ आदर्श कुमार यादव व मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के डॉक्टर्स, एमबीबीएस छात्र, पैरामेडिकल स्टाफ एवं पैरामेडिकल छात्र सहित 260 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
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