पूर्वांचल लाईफ/पंकज कुमार मिश्रा
जौनपुर ! इस बार लोकसभा चुनाव में विवादित प्रत्याशीयों को लेकर राजनीति गरमाई सी दिखाई दे रही है। जौनपुर में बसपा नें पूर्व सासंद धनंजय सिंह की पत्नि श्रीकला सिंह को टिकट दें कर जौनपुर को चौका दिया है तो वही सपा नें यहां से बाबू सिंह कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया जिसके बाद सपा कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है, अब कार्यकर्ताओं नें फूंका पुतला, ज़ी हाँ जौनपुर लोकसभा सीट से बाबू सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी घोषित किए जाने पर सपा कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए प्रदर्शन करने का मामला प्रकाश में आया। इस दौरान पुतला भी फूंका गया। उन्होंने जिले के नेताओं को प्रत्याशी बनाने की मांग की। साथ ही कहा कि प्रत्याशी बदले जाने तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। सूत्रों के अनुसार करंजाकला ब्लॉक के सफदरगंज बाजार में समाजवादी पार्टी की ओर से बाबू सिंह कुशवाहा को जौनपुर से प्रत्याशी बनाने पर सपा कार्यकर्ताओं में रोष है। इसे लेकर सोमवार को कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंका और विरोधी नारे लगते हुए पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी बदलने की मांग की है। साथ ही चेतवानी दी कि जब तक प्रत्याशी नहीं बदला जाएगा तब तक इस तरह के प्रदर्शन जारी रहेंगे। जौनपुर लोकसभा से समाजवादी पार्टी ने बाबू सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। इसे लेकर सपा कार्यकर्ताओं में अंदरूनी विरोध है। क्षेत्रीय नेताओं ने कार्यकर्ताओं संग आक्रोष जाहिर करते हुए विरोध किया। सफदरगंज बाजार में तख्तियां बैनर पोस्टर लेकर सभी पहुंचे। बाहरी प्रत्याशी हटाने की मांग करते हुए जिले के नेताओं को प्रत्याशी बनाने की मांग की। इस दौरान बाबू सिंह कुशवाहा के विरोध में नारे लगाए और कहा कि यह एनएचआरम घोटाले में भी फंसे हैं। ऐसे में पार्टी की छवि धूमिल होगी। यहीं स्थिति मछलीशहर में है जब सपा नें एक ही परिवार से विधायक सांसद सब बनवाने हेतु अपना रुख अख्तियार किया है। लोकसभा मछलीशहर में भी सपा कार्यकर्ता नाराज दिख रहें। जैसा कि ज्ञात है सपा नें लोकसभा मछलीशहर से वर्तमान विधायक और पूर्व सांसद तूफानी सरोज के पुत्री प्रिया सरोज को टिकट देकर सपाई कार्यकर्ताओं को चौकाया है। अब ऐसे में बसपा और सपा की सियासी रणनीति भाजपा को लाभ पंहुचायेंगी अथवा नही यह देखना दिलचस्प होगा।मछलीशहर में भी भाजपा अंदरूनी कलह से जूझ रहीं थी पर अब सपा के प्रत्याशी के घोषणा के बाद लड़ाई एक ही जाति के प्रत्याशी के बीच होने से अन्य जाति के वोटर महत्वपूर्ण भूमिका में आ गए। जिस तरफ सवर्ण वोटर झुकेगे उस तरफ का पलड़ा भारी माना जा रहा पर ऐसे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। आंतरिक विरोध और कलह के बाद इन प्रत्याशीयों की राह कत्तई आसान नहीं। बीपी सरोज भी जनता के बीच दौड़ते नजर आ रहे जबकि अभी तक क्षेत्र की जनता अपने चहेते प्रत्याशी का पत्ता खोलने पर राजी नहीं। जौनपुर में एक खास वर्ग नें बसपा के पक्ष में हवा बनाना शुरू तो कर दिया है पर कृपशंकर सिंह एक मझे हुए खिलाड़ी है। कुल मिला जूलाकार कार्यकर्ताओ के समर्थन पर ही बूथ विजय निश्चित है अब रूठें कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए ये प्रत्याशी और संबंधित दल क्या रणनीति अपनाते है यह देखना दिलचस्प होगा अन्यथा बूथ प्रभावित होंगे और फिर अनुमान और सम्भावनाए धरी की धरी रह जाएंगी।