बिजली पानी की समस्या को लेकर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन

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दो साल से बिजली पानी की समस्याओं से जूझ रहे हैं एमबीबीएस के छात्र

पहली बारिश होते ही कीचड़ युक्त रास्ते पर निकलने शुरू हो गए बिषधर जीव जन्तु

जौनपुर। उमानाथ सिंह राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सिद्धिकपुर के मेडिकल छात्रों ने सोमवार को सुबह 10 बजे से लेकर शाम तक धरना प्रदर्शन करते रहे। बिजली पानी समेत तमाम समस्याओं से लेकर निराकरण की मांग की। शाम तक कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा। मेडिकल कॉलेज में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। भीषण गर्मी में एक हफ्ते से बिजली पानी की किल्लत से तीलमिलाए एमबीबीएस के छात्र। बताया जा रहा हैं कि मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की तीन बैच संचालित हो रहा है और दो बैच पैरामेडिकल के छात्र हैं। वर्तमान समय में कुल 460 छात्र पठन-पाठन में है जबकि चौथा बैच इस वर्ष आने वाला है। लेकिन छात्रों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। जिसमें मुख्य रूप से बिजली पानी की समस्या बड़ी है। जिसे लेकर छात्र छात्राऐ सोमवार को मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट पर धरना प्रदर्शन करने लगे। और जिम्मेदारों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए समस्याओं के निराकरण की मांग करते दिखाई दिए। जिसमें छात्रों का कहना था कि मेडिकल नियमों के अनुकूल क्लासरूम नहीं है दो क्लास रूम के भरोसे 460 छात्रों की पढ़ाई हो रही है। हॉस्टल सुविधा की समस्या जस की तस बनी हुई है। आईपीडी की कोई व्यवस्था नहीं है, सुविधा युक्त लेक्चर थियेटर अभी तक नहीं मिल सका है । सबसे बड़ी समस्या है कि परिसर में पक्के रास्ते नहीं है। कीचड़ युक्त रास्तों से छात्रों को आवास तक जाना होता है लाइट की व्यवस्था नहीं है। पहली बारिश होते ही तमाम बिषधर जीव जन्तु निकल रहे हैं, जिससे छात्रों में भय व खतरा बना हुआ है। इसके अलावा साफ सफाई से लेकर बॉथरूम तक गंदगी का अंम्बार लगा हुआ बताया जा रहा है। जिससे आक्रोशित छात्रों को सड़क पर उतरना पड़ा। छात्रों ने मांग की जब तक उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं होगा। उनसे जिम्मेदार लोग डीएम व स्वास्थ्य मंत्री मुख्यमंत्री इसे संज्ञान में नहीं लेंगे तब तक हम लोगों का धरना प्रदर्शन चलता रहेगा। छात्रों ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में छात्र छात्राऐ बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं और यहां के जिम्मेदार लोग कुछ सुनने को तैयार नहीं है। समस्या बढ़ती जा रही है। इस दौरान छात्रों की शिक्षकों से भी नोक हो हुई। छात्रों का कहना था कि उन्हें दो साल से यह भरोसा दिया जाता है कि जल्दी ही सभी व्यवस्थाएं कर दी जाएगी। निर्माण अधीन मेडिकल कॉलेज है लेकिन तीन साल से सुनते-सुनते छात्र परेशान हो गए। अब उनसे यह परेशानी सही नहीं जा रही है।

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