पूर्वांचल लाईफ/पंकज कुमार मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार
उत्तर प्रदेश ! यूपी में राज्यसभा के लिए 10वें उम्मीदवार को लेकर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। ताज़ा घटनाक्रम में ऊंचाहार विधायक और सपा के पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय नें पार्टी के मुख्य सचेतक पद से त्यागपत्र दें दिया है। पल्लवी पटेल भी अनमनी दिखाई दें चुकी है अब ऐसे में बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों ही इस सीट को जितने की कोशिश में लगे जायेंगे। सवाल यह कि क्या सपा का तीसरा उम्मीदवार हार जायेगा ? तीन वोटों के जुगाड़ में थे अखिलेश यादव, पर डिनर से गायब हो गए 8 विधायक ऐसे में उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर मंगलवार (27 फरवरी) को वोटिंग होनी है।चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के खेमे में हलचल मच गई है।जौनपुर के पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक पंकज कुमार मिश्रा नें बताया कि वोटिंग से पहले पार्टी ने सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी और उनके लिए डिनर का आयोजन किया था। डिनर में पार्टी के 8 विधायक शामिल नहीं हुए। इन विधायकों में पूजा पाल, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, अमेठी विधायक महाराजी देवी, विनोद चतुर्वेदी, मनोज पांडेय, पल्लवी पटेल और आंबेडकरनगर विधायक राकेश पांडेय शामिल हैं। इन विधायकों को डिनर पार्टी में शामिल होने पर सपा को आज होने वाले मतदान में क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है। अगर ऐसा हुआ तो सपा का खेल बिगड़ सकता है।समाजवादी पार्टी को अपना तीसरा उम्मीदवार जीताने के लिए पहले से ही तीन वोट कम थे। इन तीन वोटों को हासिल करने के लिए पार्टी ने राजा भैया से बात की, जिनके पास दो वोट हैं। इसके अलावा पार्टी ने निर्दलीयों उम्मीदवारों से भी अपने उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने के लिए चर्चा की. तीन वोटों के जुगाड़ में जुटी सपा के अपने 8 विधायक ही क्रॉस वोटिंग कर दें तो पार्टी का तीसरा प्रत्याशी हार जाएगा। उधर बीजेपी ने एक्स्ट्रा कैंडिडेट उतारा और दूसरी ओर चुनाव में बीजेपी एक अतिरिक्त सीट जीतने की कोशिश शुरू कर दी है। बीजेपी के पास अपने 7 उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने के लिए पर्याप्त वोट हैं, लेकिन उसने चुनाव में अपना 8वां उम्मीदवार भी उतारा है। इसके चलते यहां मुकाबला रोचक हो गया है। यूपी विधानसभा में एनडीए और इंडिया का संख्याबल इस प्रकार है कि यूपी विधानसभा में बीजेपी के पास 252, अपना दल (एस) के पास 13, निषाद पार्टी- 6, एसबीएसपी- 6, जनसत्ता दल- 2 और आरएलडी के पास 9 वोट हैं. वहीं, इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के पास 108 और कांग्रेस के पास 2 विधायक हैं, जबकि बीएसपी के पास एक वोट है। समाजवादी पार्टी को अपने तीसरे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए सिर्फ तीन वोटों की जरूरत है।सपा और कांग्रेस के पास कुल मिलाकर 110 विधायक हैं।
संख्याबल के हिसाब से न तो बीजेपी के पास आंकड़े पूरे हैं और न ही सपा के पास ऐसे में यह तय है 1 उम्मीदवार का चयन क्रॉस वोटिंग से होगा।