गाजीपुर। भांवरकोल थाना क्षेत्र के पखनपुरा गांव में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर अमर शहीद इश्तियाक खान को श्रद्धांजलि दी गई। शहीद इश्तियाक खान ने कारगिल युद्ध में अपनी शौर्यता का परिचय देते हुए 03 जुलाई 1999 को शहीद हो गए थे।
शहीद इश्तियाक खान की कहानी:-
कारगिल युद्ध में शहादत:- इश्तियाक खान ने अपनी शादी के लिए छुट्टी लेकर घर आए थे, लेकिन युद्ध शुरू होने के कारण वह वापस ड्यूटी जॉइन कर ली और शहीद हो गए।
बड़े भाई की भी भूमिका:-
उनके बड़े भाई लांस नायक इम्तियाज भी कारगिल ऑपरेशन के दौरान उनके साथ ही सेवारत थे और जख्मी हो गए थे।
श्रद्धांजलि और सम्मान: —
पुष्पांजलि अर्पित: शहीद इश्तियाक खान की मजार पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया और उनकी शहादत को याद किया गया।
मांगें:- ग्रामीणों ने ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि आनंद राय मुन्ना से शहीद की प्रतिमा लगाने, शहीद द्वार बनवाने और मजार की सुंदरीकरण कराने की मांग की, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।
कारगिल विजय दिवस का महत्व:-
कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, जो कारगिल युद्ध में जीत की याद में मनाया जाता है। इस दिन देशभर में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है और उनकी वीरता को याद किया जाता है।
शहीद परिवार की देशभक्ति:-
शहीद इश्तियाक खान के बड़े भाई का बेटा भी भारतीय सेना में है और उसी 22 ग्रेनेडियर यूनिट में तैनात रहा, जिसमें इश्तियाक थे। वह ऑपरेशन सिंदूर में भी शामिल हुआ था।