शिक्षक दिवस पर संघर्ष का शंखनाद:

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अटेवा के बैनर तले शिक्षकों ने रखा उपवास, पुरानी पेंशन बहाली का संकल्प

जौनपुर।
जहां एक ओर पूरा देश शिक्षक दिवस पर गुरुओं का सम्मान कर रहा था, वहीं जौनपुर में शिक्षकों ने इस दिन को संघर्ष की मिसाल बना दिया। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली मंच (अटेवा) के आह्वान पर जिले के शिक्षकों और कर्मचारियों ने 5 सितंबर को उपवास रखकर सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज़ बुलंद की और अधिकारों की लड़ाई को तेज़ करने का ऐलान किया।

शिक्षकों ने सामूहिक रूप से हवन-यज्ञ कर यह संकल्प लिया कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती और कर्मचारियों का मान-सम्मान सुरक्षित नहीं होता, यह संघर्ष रुकने वाला नहीं है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सेक्रेटरी संघ के जिलाध्यक्ष महेश प्रताप तिवारी ने की और संचालन जिला कोषाध्यक्ष नंद लाल पुष्पक ने किया। इस मौके पर जिला संयोजक चंदन सिंह और जिला महामंत्री इन्दु प्रकाश यादव ने शिक्षकों से आगामी 25 नवंबर को दिल्ली में होने वाली “पेंशन अधिकार महारैली” में बढ़-चढ़कर भागीदारी का आह्वान किया।

कार्यक्रम में पहुंचे राज्य कर्मचारी संघ जौनपुर के पूर्व मंत्री चन्द्रशेखर सिंह ने आंदोलन को पूरा समर्थन देते हुए कहा—
“यह सिर्फ पेंशन की लड़ाई नहीं है, बल्कि हमारे भविष्य और सम्मान की रक्षा का संघर्ष है।”

हवन-यज्ञ और उपवास के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में डा. यामिनी सिंह, मनीष यादव, कृष्ण कुमार गुप्ता, श्यामबहादुर, अरविंद यादव, ब्रह्मशील यादव, डॉ. ध्रुव राज योगी, नवीन शर्मा, आनंद स्वरूप यादव, राम आशीष यादव, शेर बहादुर, आशीष लोहिया, सुरेंद्र सरोज, संदीप यादव, लाल बहादुर, सुभाष सरोज, सूरज कन्नौजिया, रोहित सिंह, त्रिपुरेश, आनंद निषाद, गुरुनाथ यादव, ज्ञान चंद, प्रवीण सिंह, पवन, अजय, धर्मेंद्र यादव, समरेन्द्र यादव, अंशु गौतम सहित बड़ी संख्या में शिक्षक-कर्मचारी मौजूद रहे।

सभी ने एक सुर में हुंकार भरते हुए कहा कि “शिक्षक दिवस अब सम्मान का दिन ही नहीं, संघर्ष का प्रतीक भी बन गया है।”

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