तीन हादसे, एक स्टेशन – बार बार हादसे से हिल गया रेलवे सिस्टम

Share

सवालों के कटघरे में रेलवे:-
तीसरी बार दोहराई खतरनाक घटना – जांच में जुटी रेलवे टीम

जौनपुर।
जौनपुर जंक्शन पर शनिवार तड़के एक बार फिर हादसा टलते-टलते बच गया। प्लेटफार्म नंबर 5 पर खड़ी मालगाड़ी का तीसरा रैक अचानक पटरी से उतर गया, जिससे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि घटना के समय ट्रेन की रफ्तार धीमी थी, वरना नतीजे भयावह हो सकते थे।

यह कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले भी महाकुंभ मेला स्पेशल पैसेंजर ट्रेन और ताप्ती गंगा एक्सप्रेस यहां बेपटरी हो चुकी हैं। लगातार तीसरी बार पहियों का पटरी से उतरना अब यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए चिंता का सबब बन गया है।

कैसे हुआ हादसा?
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, औड़िहार स्टेशन से होते हुए प्रयागराज जा रही मालगाड़ी शनिवार रात लगभग 2 बजे जौनपुर जंक्शन पहुंची। डीसीएन एचएल इंजन से जुड़ा तीसरा रैक अचानक पॉइंट के पास पटरी छोड़ बैठा। रात में ही कंट्रोलर को सूचना दी गई और आपात राहत ट्रेन (ART) अयोध्या कैंट से 4:40 बजे मौके पर पहुंची। कई घंटों की मशक्कत के बाद भारी क्रेन की मदद से रैक को फिर से पटरी पर चढ़ाया गया।

डीआरएम खुद पहुंचे मौके पर
मंडल रेल प्रबंधक एसके वर्मा, टाटा-अमृतसर एक्सप्रेस से सुबह 7:30 बजे जौनपुर पहुंचे और पूरे मामले का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने चालक, गार्ड और कर्मचारियों से पूछताछ की, ट्रैक और पॉइंट की जांच की और कारण पता लगाने के लिए विशेष जांच टीम गठित कर रिपोर्ट मांगी।

यात्रियों को हुई परेशानी
हादसे के कारण सुहेलदेव एक्सप्रेस को वाराणसी होकर दिल्ली भेजना पड़ा, जबकि गाजीपुर-जौनपुर डेमू पैसेंजर ट्रेन को मुफ्तीगंज से वापस लौटा दिया गया। इससे यात्रियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा।

तकनीकी लापरवाही या किस्मत का खेल?
स्थानीय रेलवे जानकारों का कहना है कि बार-बार पॉइंट के पास पहियों का उतरना, मेंटेनेंस और पॉइंट कांटा बनाने में लापरवाही की ओर इशारा करता है। सवाल यह है कि ट्रैक पर नियमित पेट्रोलिंग और जांच के बावजूद यह खामियां समय रहते क्यों नहीं पकड़ी जा रही हैं?

डीआरएम की सख्ती
निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने प्लेटफार्म पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड की गलत पोजिशन और पूछताछ केंद्र पर कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने सख्त लहजे में कहा – “पहियों के उतरने के कारण की सही रिपोर्ट आने के बाद ही जिम्मेदार तय होगा, लेकिन जांच पूरी गंभीरता से होगी।”

फिलहाल, सभी की नजर जांच टीम की रिपोर्ट पर है, जो यह तय करेगी कि यह लापरवाही का नतीजा है या सिस्टम की बड़ी खामी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!