वाराणसी, 26 जुलाई 2025 |
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में आज संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए एक जोरदार छात्र आवाज़ उठी। समाजवादी छात्रसभा की बीएचयू इकाई ने “संविधान मान स्तंभ दिवस” और “आरक्षण दिवस” के अवसर पर एक रैली और संविधान की प्रस्तावना का पाठ आयोजित किया। यह आयोजन महिला महाविद्यालय से शुरू होकर लंका स्थित सिंहद्वार तक पहुंचा।
रैली का मकसद न केवल भारतीय संविधान में निहित मूलभूत अधिकारों की रक्षा की चेतना फैलाना था, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन में भाजपा और संघ से जुड़े लोगों के मनोनयन के खिलाफ विरोध भी जताना था।
छात्र नेताओं का सरकार पर हमला
इकाई अध्यक्ष हिमांशु यादव ने कहा, “बीएचयू प्रशासन द्वारा ओबीसी आरक्षण की अनदेखी और भाजपा-संघ से जुड़े लोगों को अकादमिक परिषद में स्थान देना स्पष्ट रूप से लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है। यह विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक, अकादमिक और बौद्धिक गरिमा को धूमिल करता है। हम इस अन्याय के विरुद्ध निर्णायक आंदोलन करेंगे।”
उपाध्यक्ष सुधीर गुप्ता ने रोजगार और आरक्षण के मुद्दे पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “भाजपा सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। आरक्षण को खत्म करने की साज़िश अब किसी से छिपी नहीं है। हम इसके खिलाफ जागरूकता फैलाएंगे और आवाज़ उठाएंगे।”
छात्रों की ज़ोरदार भागीदारी
संविधान जागरूकता रैली में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया। प्रमुख रूप से अभिनन्दन गोड़, अभिषेक गोप, रवि पटेल, रवि मौर्य, अंकित समाजवादी, राजीव यादव, आलोक यादव, धीरेन्द्र, आदर्श यादव, अभिषेक, अजय, विजय और ऋतम जैसे छात्र नेता सक्रिय रूप से मौजूद रहे।
रैली के दौरान छात्रों ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ कर सामाजिक न्याय, समानता और आरक्षण की रक्षा का संकल्प लिया।