राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आंदोलन की रूपरेखा तय की, 24 जून को भूख हड़ताल का आह्वान

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जौनपुर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले 20 जून 2025 को जिला महिला चिकित्सालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष उपेन्द्र प्रताप सिंह ने की। इस अवसर पर राज्य कर्मचारियों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई और आगामी आंदोलनों की रणनीति तय की गई।

बैठक के प्रमुख मुद्दे
बैठक में पुरानी पेंशन योजना की बहाली, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, संविदा कर्मचारियों के अधिकार, और अन्य कर्मचारी हितों से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श किया गया। परिषद ने इन मांगों को राज्य और केंद्र सरकार तक पहुंचाने और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाने का संकल्प लिया।

भूख हड़ताल और सत्याग्रह की घोषणा
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 24 जून 2025 को जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल और सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा। यह आंदोलन कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। परिषद ने इस आंदोलन को ऐतिहासिक और निर्णायक बनाने के लिए सभी घटक दलों और कर्मचारियों से एकजुट होकर भागीदारी करने की अपील की।

बैठक में भाग लेने वाले पदाधिकारी
बैठक में परिषद के महामंत्री सत्य प्रकाश मिश्रा, संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय सिंह, मयाशंकर मिश्रा, डॉ. अतहर समीम खान, भुवन चंद्र मिश्रा, डॉ. इंद्र भान मौर्य, सचिन कुमार सिंह, भावना वर्मा (नर्स संघ अध्यक्ष), आशा देवी, और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के प्रतिनिधि चंदन सिंह, सर्वेश पाल, और चित्रांशु शुक्ला समेत कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।

एकजुटता और संकल्प का प्रदर्शन
सभी उपस्थित सदस्यों ने आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूर्ण एकजुटता और संकल्प के साथ अपनी भूमिका निभाने का वादा किया। परिषद के अध्यक्ष उपेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह सत्याग्रह कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन न केवल कर्मचारियों की समस्याओं को सरकार के समक्ष उठाने का माध्यम बनेगा, बल्कि उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने का रास्ता भी प्रशस्त करेगा।

कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता
परिषद ने कहा कि इस आंदोलन का उद्देश्य न केवल अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि कर्मचारियों को उनका हक और सम्मान मिले। पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर परिषद ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

आंदोलन की तैयारी जोरों पर
आंदोलन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए परिषद के सभी घटक दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक संख्या में आंदोलन में शामिल हों और इसे ऐतिहासिक बनाएं।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का यह प्रयास कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई में एक मजबूत संदेश देने का कार्य करेगा। 24 जून को होने वाला सत्याग्रह कर्मचारियों की एकजुटता और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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