“साल्वेशन की शाम-सेना के नाम” में वीरों का अभिनंदन और हेल्थ स्कीम का शुभारंभ
पूर्वांचल लाइफ/जौनपुर
दादी के एक स्वप्न से उपजा संकल्प अब पूर्वांचल में सेवा का प्रतीक बन गया है। जौनपुर के कन्धरपुर गांव में स्थापित ‘साल्वेशन हॉस्पिटल’ आठ अक्टूबर को एक खास आयोजन का गवाह बनेगा — “साल्वेशन की शाम – सेना के नाम”। इस मौके पर उन रिटायर्ड सैनिकों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने देश की रक्षा में अपना जीवन समर्पित किया। साथ ही, अस्पताल में उनके एवं उनके परिवारों के लिए “कॉन्ट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम” की शुरुआत भी होगी, जिसके तहत मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी।
एक मासूम के नाम पर बनी मानवता की मिसाल:
मार्च 2020 में नवरात्र के दौरान सरोज श्रीवास्तव ने अपनी पांच वर्षीय पौत्री ‘साल्वी’ को खो दिया था। उस हादसे ने पूरे परिवार को तोड़ दिया, लेकिन जब धीरे-धीरे समय ने उन्हें सामान्य किया, तो उनके हृदय में “सेवा” का संकल्प आकार लेने लगा।
दादी के सपने को साकार करने का जिम्मा उठाया उनके दो बेटों ने— बड़े बेटे प्रतीक श्रीवास्तव, जो एक प्राइवेट कम्पनी में मैनेजर हैं, और छोटे बेटे डॉ. विवेक श्रीवास्तव, जिन्होंने एमबीबीएस कर चिकित्सा सेवा को अपना पेशा बनाया।
दोनों बहुएं रुचि और डॉ. प्रियंका भी इस मिशन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहीं।
इसी संकल्प का परिणाम है आज का ‘साल्वेशन फाउंडेशन’, जो मात्र पाँच सालों में पूर्वांचल के आधुनिकतम अस्पतालों की कतार में शामिल हो चुका है।
तीन एकड़ में फैला अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र:
लखनऊ-वाराणसी फोरलेन से सटे कन्धरपुर गांव में करीब तीन एकड़ क्षेत्रफल में फैला ‘साल्वेशन हॉस्पिटल’ आज आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस है।
यहां आपातकालीन सेवाओं के साथ ओपीडी, सर्जरी, पैथोलॉजी और स्पेशलाइज्ड विंग्स की स्थापना की जा रही है।
वर्तमान में एक दर्जन से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि आने वाले महीनों में अस्पताल 24×7 सुपर स्पेशलिस्ट टीम के साथ “वन-स्टॉप मेडिकल डेस्टिनेशन” बनने जा रहा है।
सर्वधर्म समभाव और जनसेवा का केंद्र:
अस्पताल केवल इलाज नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों का भी केंद्र बन चुका है।
हर मंगलवार को यहां ‘रामायण के सुंदरकांड’ का पाठ होता है, पर यह संस्था ‘सर्व धर्म समभाव’ के सिद्धांत पर संचालित होती है।
गरीबों के लिए निःशुल्क उपचार, पत्रकारों के लिए रियायती सुविधा और जरूरतमंदों के लिए विशेष राहत चिकित्सा योजना इस अस्पताल की विशेष पहचान है।
जौनपुर का चिकित्सा परिदृश्य और चुनौतियाँ:
जौनपुर जनपद में जहां ‘साल्वेशन हॉस्पिटल’ जैसी पहल उम्मीद जगाती है, वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था का दूसरा चेहरा चिंताजनक है।
शहर और आसपास के इलाकों में 350 से अधिक निजी अस्पताल, पैथोलॉजी और क्लीनिक संचालित हैं, जिनमें से अधिकांश बिना मानक सुविधाओं के चल रहे हैं।
कई नर्सिंग होम्स में “दलाल तंत्र” सक्रिय है, जो सरकारी अस्पतालों से मरीजों को निजी जगहों पर खींच लाते हैं।
नकली दवाएं, बिना पंजीकरण के डॉक्टर, अवैध ट्रॉमा सेंटर और मोबाइल ऑपरेशन थिएटर जैसे भयावह उदाहरण यहां आम हैं।
हाल ही में नईगंज स्थित एक अस्पताल में करंट लगने से महिला की मौत ने प्रशासन की लापरवाही को फिर उजागर किया।
पूर्वांचल के लिए नई उम्मीद:
ऐसे हालातों के बीच ‘साल्वेशन हॉस्पिटल’ का उभरना पूर्वांचल के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।
यह सिर्फ एक अस्पताल नहीं, बल्कि ममता, सेवा और समर्पण से उपजा वह केंद्र है, जो एक मासूम बालिका की याद में अब हजारों ज़िंदगियों को नई रोशनी देने का काम कर रहा है।
कार्यक्रम: “साल्वेशन की शाम – सेना के नाम”
स्थान: साल्वेशन हॉस्पिटल, कन्धरपुर, जौनपुर
तारीख: 8 अक्टूबर 2025
मुख्य आकर्षण: वीर सैनिकों का सम्मान, हेल्थ स्कीम का शुभारंभ, सांस्कृतिक कार्यक्रम।