“कागज़ी दावों की बाढ़, ईशापुर में जलभराव की आंधी” जिम्मेदारों की लापरवाही फिर उजागर”

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बरसात ने किया प्रशासन के दावों को तार-तार, ईशापुर झील में तब्दील

जौनपुर। शनिवार को हुई चंद घंटों की बरसात ने एक बार फिर नगर पालिका प्रशासन की पोल खोलकर रख दी। शहर का ईशापुर मोहल्ला पूरी तरह पानी पानी दिखाई दिया और सड़कों का हाल तालाब जैसा हो गया।

गली-मोहल्लों में पानी भर गया। लोग घरों से निकलने के लिए घंटों जद्दोजहद कर रहे, वहीं दुकानों और मकानों में भी पानी घुसने का खतरा मंडराने लगा। सौभाग्य से शनिवार को स्कूल की छुट्टी रही, वरना नन्हें बच्चों को इस जलभराव में फंसकर बड़ी परेशानी उठानी पड़ती।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल बरसात में यही हाल होता है, कभी घुटने तक तो कभी कमर तक पानी भर जाता है लेकिन अब तक न तो जलनिकासी की ठोस व्यवस्था की गई और न ही जिम्मेदारों ने इस दिशा में गंभीर कदम उठाए।

लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “कागजों पर बड़े-बड़े प्रोजेक्ट और योजनाएं दिखाकर नगर पालिका सिर्फ दिखावा करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात जस के तस हैं। बरसात आते ही पूरा ईशापुर तालाब में तब्दील हो जाता है।”

बरसात ने साफ कर दिया है कि प्रशासन के दावे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं, जबकि जनता को हर साल कीचड़ और जलभराव की समस्या झेलनी पड़ती है।

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