महिलाओं में हार्ट अटैक को नजरअंदाज करना पड़ रहा है भारी — “डॉ. हरेंद्र देव सिंह”
जौनपुर।
जब किसी पुरुष को सीने में दर्द होता है, सांस फूलती है या पसीना आता है, तो पूरा परिवार सतर्क हो जाता है — तुरंत अस्पताल की ओर दौड़ लग जाती है।
लेकिन यही लक्षण जब किसी महिला में दिखते हैं, तो अक्सर कहा जाता है,
“शायद गैस बनी है” या “थोड़ी थक गई होंगी।”
यही सोच और लापरवाही हर साल लाखों महिलाओं की जान ले रही है।
WHO की रिपोर्ट दे रही है चेतावनी————–
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, महिलाओं की कुल मृत्यु दर में सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारियां हैं।
भारत में 40 वर्ष से अधिक आयु की हर तीसरी महिला किसी न किसी हृदय रोग से ग्रसित है — लेकिन 10 में से 8 महिलाएं इसका अंदाज़ा तक नहीं लगा पातीं।
महिलाएं हार्ट अटैक को क्यों नहीं पहचान पातीं?————-
1.लक्षण पुरुषों से अलग:
महिलाओं को अक्सर सीने में तेज़ दर्द नहीं होता।
इसके बजाय जलन, पीठ या जबड़े में दर्द, जी मचलाना, घबराहट और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं।
2.गैस या थकावट मान लेना:
हार्ट अटैक के संकेत अक्सर एसिडिटी जैसे लगते हैं, जिससे भ्रम पैदा होता है।
3.स्वास्थ्य की उपेक्षा:———
महिलाएं अक्सर परिवार को प्राथमिकता देती हैं और अपनी सेहत को नजरअंदाज करती हैं।
4.जांच की कमी:———–
पुरुषों की तुलना में महिलाएं हृदय संबंधी टेस्ट कम कराती हैं, जिससे समय पर बीमारी पकड़ में नहीं आती।
किन महिलाओं को अधिक खतरा?————
उच्च रक्तचाप (हाई बीपी), डायबिटीज़ या कोलेस्ट्रॉल की मरीज,
रजोनिवृत्ति (Menopause) की अवस्था में महिलाएं,
जिनके परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास हो,
जो तनाव, मोटापा या धूम्रपान से ग्रसित हैं,
40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं,
अपने दिल को दीजिए समय, क्योंकि आप केवल एक शरीर नहीं — पूरा परिवार हैं
डॉ. हरेंद्र देव सिंह की अपील:———–
“अगर आप अपने दर्द को अनदेखा करती रहीं, थकान को मामूली समझती रहीं और सबकी चिंता करते-करते खुद को भूल गईं — तो अगली पीढ़ी आपकी मौजूदगी से महरूम रह सकती है।”
दिल को रखें सेहतमंद, अपनाएं ये 5 उपाय——
1.हर साल एक बार हार्ट चेकअप ज़रूर कराएं (ECG, BP, लिपिड प्रोफाइल)
2.रोज़ाना 30 मिनट टहलें या हल्का व्यायाम करें
3.कम नमक, कम तेल व संतुलित आहार लें
4.तनाव से बचें — ध्यान, योग और नींद को प्राथमिकता दें
5.लक्षणों को कभी न करें नजरअंदाज — समय पर डॉक्टर से सलाह लें
नारी शक्ति को दिल से सलाम
आज ज़रूरत है कि महिलाएं सिर्फ परिवार की नहीं, अपने दिल की भी सुनें।
जागरूक बनें, जांच कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
“क्योंकि एक सेहतमंद महिला ही पूरे परिवार की धड़कन होती है।”