शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ अध्यक्ष से लूट: पिस्टल की नोक पर बदमाशों का दुस्साहस

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नकाबपोश बदमाशों ने किया 4.50 लाख के आभूषणों पर हाथ साफ, पुलिस के लिए चुनौती

जौनपुर। शनिवार की सुबह जौनपुर के लाइनबाजार थाना क्षेत्र के चांदमारी वार्ड में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ पदाधिकारी नंदकिशोर सिंह को पिस्टल की नोक पर लूट लिया गया। नकाबपोश बदमाशों ने उनके गले से सोने की चेन और चार कीमती अंगूठियां छीन लीं। इन आभूषणों की अनुमानित कीमत करीब 4.50 लाख रुपये बताई जा रही है।

घटना सुबह करीब 5:03 बजे की है, जब नंदकिशोर सिंह अपनी रोजमर्रा की मॉर्निंग वॉक से लौट रहे थे। चांदमारी वार्ड की पुलिया के पास दो बाइक सवार नकाबपोश बदमाशों ने पहले से घात लगाकर उन्हें रोका और पिस्टल तान दी। इसके बाद उन्होंने तेज़ी से लूटपाट की और मौके से फरार हो गए।

पुलिस जांच में जुटी, सीसीटीवी फुटेज से सुराग की तलाश सूचना मिलते ही लाइनबाजार पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और निरीक्षण शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि बदमाशों की पहचान के लिए आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। संभावित मार्गों पर नाकाबंदी कर तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।

कर्मचारी संघ और स्थानीय लोगों में आक्रोश इस घटना ने विश्वविद्यालय कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने इसे प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी विफलता बताया है और अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है।

मोहल्ले के निवासियों ने सुबह-सुबह हुई इस वारदात को चिंताजनक बताया। उनका कहना है कि अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस के कारण अब सुबह की सैर करना भी असुरक्षित हो गया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इलाके में गश्त बढ़ाई जाए और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।

सुरक्षा पर सवालिया निशान एक शिक्षण संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी को दिनदहाड़े निशाना बनाया जाना न केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि आम जनता में सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता को भी दर्शाता है। इस घटना ने जिले के प्रशासन को कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की ओर झकझोर दिया है।

निष्कर्ष इस वारदात ने स्पष्ट कर दिया है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ कम होता जा रहा है। प्रशासन की चुनौती अब न केवल अपराधियों को जल्द पकड़ने की है, बल्कि जनता के बीच सुरक्षा का विश्वास बहाल करने की भी है।

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