अवैध गांजा कारोबार का साम्राज्य, विभाग की उदासीनता पर सवाल

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जौनपुर जिले में अवैध गांजा कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, जिले के कई हिस्सों में यह कारोबार इतनी मजबूती से स्थापित हो चुका है कि कानून का कोई डर नजर नहीं आता।

खुलेआम हो रहा अवैध कारोबार

जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में गांजे की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। यह अवैध धंधा केवल आर्थिक अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के युवाओं को नशे की गर्त में धकेल रहा है। कई स्थानीय लोगों ने बताया कि बाजारों, चौराहों, और यहां तक कि स्कूलों और कॉलेजों के आसपास भी यह अवैध सामान आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

कानून का डर न के बराबर————–

अवैध कारोबारियों पर कार्रवाई के नाम पर स्थिति ‘नील बटा सन्नाटा’ जैसी दिखती है। जिले के संबंधित विभागों की निष्क्रियता ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन पर आरोप लग रहे हैं कि वे जानबूझकर इन मामलों पर ध्यान नहीं दे रहे या फिर इस अवैध धंधे में उनकी मिलीभगत हो सकती है।

विभाग की लापरवाही बनी चर्चा का विषय——————

जिले के नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को कई बार उठाया, लेकिन संबंधित विभागों ने अब तक ठोस कदम उठाने में असफलता दिखाई है। विभागीय लापरवाही के कारण यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। कई बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद अवैध कारोबारियों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई है।

समाज पर पड़ रहा है बुरा असर——————–

इस अवैध कारोबार के चलते जिले में अपराध दर बढ़ रही है। युवा पीढ़ी नशे की लत में फंसती जा रही है, जिससे परिवार और समाज पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। नशे की आदत के कारण कई परिवार आर्थिक और सामाजिक संकट से गुजर रहे हैं।

नागरिकों की अपील—————

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस अवैध कारोबार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि अगर समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाई गई, तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा।

प्रशासन का क्या कहना है?

जब इस मुद्दे पर प्रशासन से सवाल किया गया, तो अधिकारियों ने कहा कि वे जल्द ही विशेष अभियान चलाकर इस पर रोक लगाने का प्रयास करेंगे। हालांकि, जनता इस बात से संतुष्ट नहीं दिख रही और ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रही है।

निष्कर्ष—————-

जौनपुर जिले में अवैध गांजा कारोबार एक बड़ी चुनौती बन गया है। संबंधित विभागों की लापरवाही और मिलीभगत जैसे आरोपों के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस समस्या को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाता है। समाज के हर वर्ग को इस मुद्दे पर जागरूक होकर प्रशासन पर दबाव बनाने की जरूरत है, ताकि जिले को इस अवैध कारोबार से मुक्त किया जा सके।

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