उप नहीं चुप मुख्यमंत्री:छात्रों ने लगाए नारे, बोले- केएनपीजी को बनाएं विश्वविद्यालय

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15 मई को जिले में आए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्रक दिया गया, लेकिन वह चुपचाप चले गए

धनंजय राय ब्यूरो/पूर्वांचल लाईफ

भदोही।
काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाने की मांग को लेकर एक बार फिर छात्रों और छात्रनेताओं आंदोलन शुरू कर दिया। शुक्रवार को महाविद्यालय परिसर में राजा काशी नरेश प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। डिप्टी सीएम पर सुनवाई न करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा। छात्रनेता शिवम शुक्ला ने कहा कि केएनपीजी को विश्वविद्यालय बनाने की मांग कई सालों से हो रही है। इसको लेकर पूर्व में विरोध एवं आंदोलन हो चुके हैं। चार साल पूर्व महाविद्यालय के विश्वविद्यालय बनने की उम्मीद तब जगी जब मंडल में एक विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा शासन से की गई। 2022 और 2023 में उच्च शिक्षा निदेशालय एवं शासन की टीम भी जांच करने आई। उसे सबकुछ सही मिला। करीब 75 साल पुराने महाविद्यालय के पास जमीन, जरूरी उपकरण एवं मानक पूर्ण होने के बाद भी राजनीतिक उपेक्षा से केएनपीजी की बजाए विश्वविद्यालय मिर्जापुर चला गया। वहां पहाड़ और पेड़ काटे जा रहे जबकि भदोही में आबादी के बीच जमीन होने पर भी ध्यान नहीं दिया गया। 15 मई को जिले में आए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्रक दिया गया, लेकिन वह चुपचाप चले गए। इसको लेकर छात्रनेताओं ने उप मुख्यमंत्री, चुप मुख्यमंत्री का पोस्टर लेकर विरोध जताया। कहा कि महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाने के लिए वह लगातार संघर्ष करेंगे। इस मौके पर धीरज दूबे, सिद्धार्थ मिश्रा, शिवम यादव, अर्पित दूबे, सगुन पाठक, साहब लाल यादव, नमन दूबे, शिवम सिंह आदि रहे।

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