थाने में युवक पर बर्बरता: जिला पुलिस की छवि पर सवाल

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जौनपुर जिले के मुंगरा बादशाहपुर थाने में थाना प्रभारी विनोद मिश्रा द्वारा एक युवक पर बर्बरता की हद पार कर दी गई। वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा गया कि एक युवक को खंभे से सटाकर पट्टे से बेरहमी से पीटा जा रहा है। इस घटना ने जिले की पुलिस व्यवस्था और मानवाधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या है मामला?

जानकारी के मुताबिक, पीड़ित युवक ने थाना प्रभारी को किसी काम को करवाने के लिए रिश्वत के रूप में पैसा दिया था। जब काम नहीं हुआ और उसने अपना पैसा वापस मांगा, तो उसे थाने में बुलाकर निर्दयता से पीटा गया। वीडियो में युवक की चीखें और थाना प्रभारी की क्रूरता साफ सुनाई और दिखाई दे रही है।

पिछला विवादित इतिहास

थाना प्रभारी विनोद मिश्रा पर पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं। बदलापुर थाने में तैनाती के दौरान उनके खिलाफ धन उगाही की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई थी। इसके अलावा, मुंगरा बादशाहपुर में भी कई लोगों ने उन पर अवैध तरीके से पैसे वसूलने का आरोप लगाया है। इसके बावजूद वह अब तक अपने पद पर बने हुए थे, जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठते हैं।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें थाना प्रभारी की बर्बरता स्पष्ट देखी जा सकती है। इस वीडियो ने लोगों में गुस्सा और आक्रोश पैदा कर दिया है। आम जनता ने पुलिस के इस रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस अधीक्षक ने लिया संज्ञान

वायरल वीडियो को गंभीरता से लेते हुए जौनपुर पुलिस अधीक्षक ने तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की है। थाना प्रभारी विनोद मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके साथ ही, मामले की सात दिनों में जांच पूरी करने का आदेश दिया गया है। जांच की जिम्मेदारी अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह को सौंपी गई है।

प्रशासन की जिम्मेदारी और आम जनता की उम्मीदें

इस घटना ने पुलिस प्रशासन की जवाबदेही पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। कानून के रक्षक खुद ही कानून को तोड़ने वाले बन जाएं तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा? प्रशासन को न केवल आरोपी पुलिस अधिकारी पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

इस घटना ने पुलिस और जनता के बीच के विश्वास को गहरा आघात पहुंचाया है। अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन अपनी छवि सुधारने और न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है।

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