जौनपुर : पहले तों बिना अनुमति कैसे आयोजित होते हैं गांव, गिराँव और तहसीलों में इतने बड़े सतसंग ! ऐसी जगहों पर क्या होते हैं सुरक्षा के इंतजाम! कौन है इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों का जिम्मेदार ? प्रशासन मौन ! फर्जी बाबा फरार क्यों ? यदि हाथरस में चल रहे सत्संग की सरकारी स्वीकृति ली गई थी बतौर शोसल मिडिया जैसा कमिश्नर का बयान है तो सारी गलती ज़िला प्रशासन की है जिसमें निवेदन करता हूँ कि तत्काल इस घटना के दोषियों को चिन्हित कर हत्या का मुक़दमा लिखा कर जेल भेजें फिर चाहे वो जिलाधिकारी हो एसपी हो या अन्य अधिकारी हो। पानी अब सर से ऊपर जा चुका है। सवाल कई है जो खुद से भी पूछे जाने चाहिए, इस अंधी आस्था के संबंध में जवाब चाहिए। यह समझना कठिन नहीं कि आश्रम में भगदड़ और दुर्घटना के बाद बाबाजी का भाग जाना क्या संकेत करता है। कोई भी कथित साधु-संत, महात्मा अपने भक्तों की दारुण मृत्यु पर भाग जाय तो यही साबित होता है कि वह बड़ा भारी मक्कार है। दुर्भाग्य से बहुसंख्य एकमत हिन्दू ऐसे ही प्रचण्ड फर्जी, घृणित और नफरती बाबाओं की शरण में हैं। जनपद के पत्रकार और सामाजिक चिंतक पंकज सीबी मिश्रा नें कहा कि मेरा बड़ा स्पष्ट मत है! ऐसे बाबाओं की स्वीकार्यता और लोकप्रियता बढ़ाने में दलित राजनीति करने वाले नेता जी की सबसे बड़ी भूमिका है। एक पूर्व मुख्यमंत्री के ट्वीट ने धर्म और अध्यात्म की सस्ती शरणागति का मार्ग खोला। वह उन समानधर्मा बाबाओं का पथ-प्रदर्शक था। उसमें और इन मक्कार बाबाओं में एक बड़ा अंतर यह है कि यह फर्जी बाबा रीफाइन्ड घाघ था। इसके पास अन्य से अधिक बुद्धि थी। उसने हाई क्लास अध्यात्म बांचा। उसके पास लोगों को सुनाने के लिए हजारों हजार सनातन विरोध की झूठी कहानियां थीं। वह जानता था कि कहानियों को कैसे उपन्यास बनाना है। आज जगह-जगह ऐसे उपन्यास लिखे जा रहे हैं। निर्मल वर्मा की प्रसिद्ध उक्ति है: जब धर्म का बहता हुआ सोता सुखा दिया जाता है, तब आध्यात्मिक प्यास बुझाने के लिए लोग नाले के पास जाते हैं। निर्मल जिस नाले का संकेत कर रहे थे, वह कोई और नहीं, श्रीमान दलित नेता जी ही थे। आज हजारों हजार नाले बह रहे। लोग उमक रहे हैं। हाथरस ब्रेकिंग में चल रहा हृदय विदायक घटना ! एटा बॉर्डर के पास रतिभानपुर गांव में नारायण हरी साकार के सत्संग में मची भगदड़ के बाद सीएम योगी आज हाथरस का दौरा किए। मामले की होगी जांच तभी पता लगेगा असलियत। मुख्यमंत्री का इशारा कि यह साजिश भी हो सकती है जबकि इतने बड़े हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है । अब तक सौ से अधिक लोगों के मरने की पुष्टि हुईं है, यह संख्या अधिक भी हो सकती है। मृतकों की संख्या देख लोग हतप्रभ है । भगदड़ के बाद अब पूरे उत्तर प्रदेश का शासन प्रशासन का अमला मौके पर मौजूद रहा। उधर पोस्टमार्टम हाउस पर भी शवों का तांता लगा है । जिला अस्पताल का भयानक मंजर देख लोग बेहोस हो रहें। हर जगह लगा है लाशों का अंबार। ऐसे दुर्घटना के बाद सनातन चिंतकों नें ऐसे फर्जी बाबाओं के कार्यक्रम पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कहीं है। साथ ही फर्जी बाबाओं के द्वारा दलितों को बहकाकर धर्म परिवर्तन के भी कई मामले सामने आ चूके है जिस संबंध में अब धर्मचार्य आर – पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है।
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