व्यक्ति के भीतर अंतर्निहित शक्तियों को जागृत करता है योग – डॉ कमल
जौनपुर। दशम् अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के योग सप्ताह के चतुर्थ दिवस पर लोहिया पार्क में योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। पतंजलि योग समिति उत्तर प्रदेश के सह राज्य प्रभारी अचल हरीमूर्ति और आयुष विभाग के योग प्रशिक्षकों के द्वारा योगाभ्यास कराते हुए बताया गया कि अष्टांग योग का पूर्णतः अनुपालन करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को नियमित रूप से ध्यान और प्राणायामों का अभ्यास करते रहना चाहिए।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी डॉ कमल ने बताया की योग कि ऐसी प्रक्रियाओं के अभ्यासों से व्यक्ति के भीतर अंतर्निहित शक्तियों का पूर्णतः विकास होना शुरू हो जाता है। योग के क्रियात्मक अभ्यासों के पूर्व योग के मौलिक सिद्धांतों को बताते हुए श्री हरीमूर्ति के द्वारा बताया गया की योग पूर्णतः विशुद्ध रूप से विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरता है। इसलिए जब तक पूर्णतः सही और नियमित ढंग से योगाभ्यास नहीं किया जायेगा तब तक योग से अपेक्षित लाभ नहीं मिल सकता है। इसलिए योग के मौलिक सिद्धांतों के अनुसार ही इसके क्रियात्मक और सैद्धांतिक सिद्धांतो का अनुपालन अति आवश्यक होता है।
श्वासोच्छवास पर नियन्त्रण ही मन, चित्त, चेतना और विचारों को सकारात्मक दिशा में बढ़ाता है। इसलिए लम्बे समय तक प्राणायामों का अभ्यास अति आवश्यक होता है। प्राणायामों के मार्ग से ही ध्यान तक पहुंचना आसान होता है।