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अजित पवार की राष्ट्रीयवादी कॉंग्रेस पार्टी में हुए शामिल !
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पूर्वांचल लाईफ /हंसराज कनौजिया
मुंबई : मुंबई में कांग्रेस के अहम नेता, पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री और पार्टी के वफादार कार्यकर्ता के रूप में जाने जाने वाले बाबा सिद्दीकी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। मिलिंद देवडा के पार्टी छोड़ने के बाद अब महाराष्ट्र में कांग्रेस की सियासी राह आसान नहीं रह गई है। बाबा सिद्दीकी जैसे कार्यकर्ता किसी भी राजनीतिक दल के लिए सत्ता और अर्थिक की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 1995 के चुनाव में मुंबई में कांग्रेस पार्टी शिव सेना-बीजेपी गठबंधन की आंधी में धराशायी हो गई। सिद्दीकी उन कुछ विधायकों में से एक थे जो 1999 के चुनाव में चुने गए थे। इससे पहले वह 1992 से 1997 तक कांग्रेस पार्षद रहे थे। वह बहुत ही कम उम्र में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
ऐसी थी बाबा सिद्दीकी की कॉंग्रेस में राजनीतिक भूमिका
अल्पसंख्यक बहुल बांद्रा पश्चिम उनका निर्वाचन क्षेत्र और कार्यक्षेत्र है। उनका सफर पार्टी के साधारण कार्यकर्ता, पदाधिकारी से लेकर विधायक, प्रदेश मंत्री तक का रहा है। वह 1999, 2004 और 2009 में तीन बार विधान सभा के लिए चुने गए। पार्टी ने उन्हें 2004 से 2008 तक कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में राज्य मंत्री के रूप में काम करने का मौका दिया। चाहे बजट हो, अनुपूरक मांगें हों या विशेष चर्चा, वे मुंबई की समस्याओं, खासकर झुग्गी-झोपड़ियों, चालिस और नागरिक सुविधाओं की समस्याओं को उठाते थे। 2014 की मोदी लहर में उन्हें हार मिली थी। उन्होंने 2019 में चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन निर्वाचन क्षेत्रों को बदलकर अपने बेटे जीशान सिद्दीकी को बांद्रा पूर्व से निर्वाचित कराया। सिद्दीकी मुंबई कांग्रेस में एक अहम नेता के तौर पर जाने जाते हैं।
बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी है कॉंग्रेस के मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष
दरअसल, कॉंग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी बाबा सिद्दीकी के बेटे है और वे मौजूदा समय में मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।बाबा सिद्दीकी को 2014 मे मोदी लहर में उन्हें हार मिली थी। उन्होंने, समझदारी के साथ 2019 में चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन निर्वाचन क्षेत्रों को बदलकर अपने बेटे जीशान सिद्दीकी को बांद्रा पूर्व से निर्वाचित कराया। हालाकि, लोकसभा चुनाव की घोषणा होने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। इस समय बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अजित पवार के राष्ट्रीयवादी पार्टी मे सामिल हो गए हैं। उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी, इसके अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं।इसकी एक वजह पार्टी के अंदर प्रतिस्पर्धा बताई जा रही है।साथ ही यह भी चर्चा है कि अपने आर्थिक हितों को बरकरार रखने के लिए उन्हें कुछ राजनीतिक फैसले लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।