गो स्थल पशुपालन, कृषि, उद्यान, मत्स्य विभाग की योजनाओं का डीएम ने किया समीक्षा

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प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियांन (पीएम कुसुम) सोलर पंप योजना हेतु कृषक करें ऑनलाइन आवेदन-जिलाधिकारी

भदोही जिलाधिकारी विशाल सिंह की अध्यक्षता में सीएम डैशबोर्ड से इतर कृषि, उद्यान, गौ आश्रय स्थल पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की विभिन्न योजनाओं का समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। बैठक में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियांन (पीएम कुसुम) सोलर पंप योजना पर बल देते हुए बताया कि जनपद के ऐसे किसान जिन्होंने 6 इंच की बोरिंग करा ली है वे ऑनलाइन आवेदन करें, जिसमें 60% अनुदान सरकार देगी 40% किसान स्वयं लगाएंगे। कुल लक्ष्य 185 के सापेक्ष अभी तक 89 आवेदन ही स्वीकृत हुए हैं। अधिक आवेदन करने पर बल दिया गया। मुख्य विकास कार्य डॉ शिवाकांत द्विवेदी ने पराली को खेतों में न जलाने की अपील के साथ ही पराली के बदले गोबर की खाद प्राप्त करने हेतु “परली दो – खाद लो” योजना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कोई भी किसान अपनी पराली को निकटतम गौ आश्रय स्थल में ले जाकर उसके बदले में गोबर की खाद प्राप्त कर सकते हैं। अधिक जानकारी हेतु कार्यालय उपनिदेशक कृषि से संपर्क करें।

जिलाधिकारी ने बायो पेस्टिसाइड्स, बायो नेचुरल साइडस नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, प्राकृतिक खेती आदि पर बल दिया। उन्होंने फार्म टू टेबल कॉन्सेप्ट पर बल देते हुए स्थानीय किसानों से जैविक खेती कर सब्जियों आदि को सीधे उपभोक्ता को विक्रय पर बल दिया। जिलाधिकारी ने मिलेट्स अनाजों को बढ़ावा देने के लिए उपनिदेशक कृषि को निर्देशित किया कि मोटे अनाज सावां, कोंदो, रागी, ज्वार, बाजार आदि की मिलेट्स अनाजों को दैनिक खान-पान में शामिल करने के लिए प्रेरित करे। जिलाधिकारी ने मछुआ समुदाय के लाभार्थी परक योजनाओं, दुर्घटना बीमा आदि से आछादित करने पर बल दिया।

कोट्स

जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी उप जिलाधिकारी से समन्वय स्थापित कर 15 दिन में चारागाह की भूमि का पशुपालन विभाग को हैंड ओवर करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कि सभी बीडीओ व डीपीआरओ की बैठक कराकर गोवंशों के लिए हरे व पौष्टिक चारे साईलेज आहार की उपलब्धता सुनिश्चित कराए।

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उपनिदेशक कृषि डॉ अश्वनी सिंह द्वारा कृषि विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री प्राथमिकता की योजनाओं के अंतर्गत कृषि रक्षा रसायन डीबीटी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियांन पीएम कुसुम सोलर पंप योजना, बीज डीबीटी योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया। कृषि विभाग द्वारा संचालित अन्य योजनाओं पर देते हुए उन्होंने एग्री स्टॉक डिजिटल क्रॉप सर्वे में जनपद भदोही का प्रदेश में प्रथम स्थान है। उन्होंने मृदा हेल्थ कार्ड योजना, कृषक उत्पादक संगठन, सब मिशन आन, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन, उत्तर प्रदेश श्री अन्य मिलेटस पुनरोदर्धार कार्यक्रम, जैविक खेती की परियोजना, एग्रीकल्चर मेंकेनाइजेशन योजना, प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ़ क्रॉप रेजीडयू, प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वालंबन योजना, भूमि संरक्षण अनुभाग योजना का तुलनात्मक प्रगति से अवगत कराया।

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जिला उद्यान अधिकारी ममता सिंह यादव ने उद्यान विभाग के अंतर्गत एकीकृत बागवानी विकास मिशन, अनुसूचित जाति/ जनजाति औद्यानिक विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में औद्यनिक विकास योजना नमामि गंगे, पौधशाला पीएमएफएमई सहित आदि योजनाओं के प्रगति पर बल दिया। जिलाधिकारी ने आलू में लगने वाले रोग से बचाव हेतु एडवाइजरी जारी करने का निर्देश दिया। जिला उद्यान अधिकारी द्वारा बताया गया कि बेजवां स्थित हाईटेक नर्सरी में फूलगोभी एवं टमाटर का बीज डाला गया है।

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मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ डीपी सिंह द्वारा गो आश्रय स्थल व पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान विभिन्न बिंदुओं पर बल दिया गया। उन्होंने जनपद के प्रत्येक विकासखंड में न्यूनतम एक वृहद गो संरक्षण केंद्र स्थापित किए जाने हेतु कम से कम एक हेक्टेयर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने पर बल दिया। बृहद गौ संरक्षण केंद्र उदयकरनपुर के संचालन हेतु कल एसडीएम औराई के नेतृत्व में भूमि की पैमाइश कराकर बाउंड्री वॉल, जाली फेसं, खाई खुदवाकर संचालन शुरू किए जाने पर जिलाधिकारी ने जोर दिया। गो् आश्रय स्थल में एफएफसी पूलिग से प्राप्त एवं व्यय धनराशि का विवरण नवंबर 2024 तक उपलब्ध कराने की सूचना से अवगत कराया गया। गो आश्रय स्थल में संरक्षित समस्त गोवंशों के भरण पोषण हेतु समय से डिमांड अपलोड करना, मुख्यमंत्री निराश्रित/ बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना अंतर्गत आवंटित लक्ष्य को पूर्ण किए जाने हेतु इच्छुक पशुपालकों की सुपुर्दगी में गो आश्रय स्थलों से गोवंश दिया जाना।

मुख्यमंत्री सहभागिता योजना अंतर्गत चिन्हित ग्रामीण परिवारों में कुपोषित परिवार को गो आश्रय से दूध देने वाली या गाभिन गाय उपलब्ध करना, गो आश्रय से संबंधित नामित नोडल अधिकारी द्वारा पाक्षिक निरीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराना, शवों को समुचित निस्तारण, समस्त गो आश्रय में सुरक्षित गोवंश के भरण पोषण में साइलेज के उपयोग सहित विभिन्न बिंदुओं के प्रगति से अवगत कराया गया।

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