तम्बाकू सेवन से 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारिया होती है
जौनपुर। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत एक हेल्थ प्रोफेसनल प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागर कक्ष में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 लक्ष्मी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, जिसमे जनपद के समस्त राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर0बी0एस0के0) टीम के चिकित्साधिकारी (बी0डी0एस0 एवं आयुष चिकित्साधिकारी) द्वारा प्रतिभाग किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया कि तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट के सेवन से टी0बी0, कैंसर सहित तमाम बीमारियाॅ शरीर को जकड़ लेती है। इनके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बेहद कमजोर पड़ जाती है। जिससे व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हो जाता है और इन बीमारियो से उसकी जान भी चली जाती है। डा0 राजीव कुमार जिला नोडल अधिकारी, जिला तम्बाकू नियंत्रण जौनपुर ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को तम्बाकू से दूर रहने के लिये याद दिलाना और जो इस कि लत में है, उन्हें इसके सेवन से होने वाले गंभीर बीमारियों के प्रति जागरूक कर इलाज के लिये प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिये बेहद हानिकारक होता है। क्षेत्रीय समन्वयक दिलीप पाण्डेय ने जनपद में तम्बाकू नियंत्रण कानून कोटपा-2003 के समस्त धाराओं के प्रभावी क्रियान्वयन करने इसकी विभिन्न धाराओं पर चर्चा की, धारा 4-सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है 200 रूपये तक का जुर्माना हो सकता है। धारा 5-तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष विज्ञापन पर प्रतिबंध। धारा 6 (क)-18 वर्ष के कम आयु के नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध। धारा 6 (ख)-शिक्षा संस्थान के 100 गज के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री दण्डनीय है। उक्त के उल्लंघन की दशा में विधिक कार्यवाही का विधान है। डा0 बी0सी0 पन्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि तम्बाकू के सेवन से लाखों लोगों की मौत हो रही है। उन्होनें धूम्रपान से होने वाले नुकसान पर चर्चा की एवं लक्षणों को बताया जैसे-बिना किसी वजह के उदास महसूस करना, गुस्सा आना या परेशान, काम में ध्यान न लगा पाना, उच्च रक्त चाप का होना, भूख न लगना, नींद न आना। तम्बाकू से दूर रहने के उपाय पर चर्चा में बताया कि व्यक्ति को इसकी जद से निकलने के लिये चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिये। चिकित्सकीय की निगरानी में उपचार करायें। इलाज के दौरान व्यक्ति की सबसे ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। साथ ही योगा और सुबह-शाम को टहलने चाहिये साथ ही सभी लोगों को संकल्प लेना चाहिये कि तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, खैनी, पान-मसाला से दूर रहेंगे। उक्त कार्यशाला में जिला कार्यक्रम प्र्रबंधक एन0एच0एम0 सत्यव्रत त्रिपाठी एवं एन0सी0डी0 सेल के समस्त कर्मचारी/अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जय प्रकाश गुप्ता एफ0एल0सी0 ने किया।