भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य डॉ. गिरीश जयंतीलाल शाह गोवा के मुख्यमंत्री से मुलाकात-गौ संरक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ कर गौशाला पशुओं के भरण पोषण हेतु प्रतिदिन ₹100 भुगतान करने का किया अनुरोध

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डॉ. गिरीश जयंतीलाल शाह ने मीडिया को बताया कि नई सरकार आने पर जल्द ही एनिमल वेलफेयर की नई पॉलिसी पर होगी चर्चा

मुंबई। 6, जून 2024
भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य एवं पुरस्कार विजेता संस्था समस्त महाजन मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ गिरीश जयंतीलाल शाह गोवा के मुख्यमंत्री, प्रमोदजी सावंतजी से एक औपचारिक मुलाकात की और गौ संरक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ कर गौशाला पशुओं के भरण पोषण हेतु प्रतिदिन ₹100 भुगतान करने का अनुरोध किया। डॉ शाह वर्तमान में संचालित अपने अभियान- “छुट्टा मवेशी एवं गोवंश का नियंत्रण करने एवं उनपर होने वाले अत्याचार को रोकने के कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने” के लिए स्वयं विभिन्न प्रदेश के मुख्यमंत्रीयो से मिलने एवं विभिन्न राज्य सरकारों के अधिकारियों से अपने प्रतिनिधि भेज कर निराकरण ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। डॉक्टर शाह इसी बीच यह अध्ययन भी कर रहे हैं कि सरकार का गठन जैसे ही होगा तो वह बतौर भारतीय जीव जंतु कल्याण के सदस्य रूप में एनिमल वेलफेयर की नई पॉलिसी का विजन डॉक्युमेंट भी प्रस्तुत करेंगे।

फिलहाल, वर्तमान अभियान के तहत डॉ गिरीश जयंतीलाल शाह 1 जून 2024 , शनिवार को गोवा के मुख्यमंत्री के साथ औपचारिक भेट की और अपने वार्तालाप के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा किया। डॉ.गिरीश जयंतीलाल शाह ने बताया, “आज 1 जून 2024 को गोवा के मुख्यमंत्री आदरणीय श्री प्रमोदजी सावंतजी की शुभेच्छा मुलाक़ात हुई। गोवा में बड़ी गौशाला पांजरापोल शुरू करने और सभी अबोल जीवों को सहायता देने की बात हुई। मेरे साथ श्री प्रकाशजी कानूंगो और समस्त महाजन के ट्रस्टी श्री देवेंद्रजी जैन भी उपस्थित थे।” इस भेट वार्ता का चर्चा करते हुए डॉक्टर शाह ने बताया कि गोवा के मुख्यमंत्री से गौ संरक्षण एवं उनके ऊपर होने वाली अत्याचार से संबंधित 4-5 विशेष मुद्दों पर बात हुई। इस वार्तालाप में ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में छुट्टा पशुओं के चुनौती से लेकर गौशाला प्रबंधन पर भी बात हुई। डॉक्टर शाह ने मुख्यमंत्री को भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य के रूप में कई महत्वपूर्ण सलाह दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री को गौ सेवा आयोग स्थापित करने, गोवा स्टेट एनिमल वेलफेयर बोर्ड को एक्टिव करने तथा गर्मी में मवेशियों को दाना पानी देने तथा नियमानुसार उन्हें राहत प्रदान करने के लिए अध्यादेश जारी करने का अनुरोध भी किया।

अपने वार्तालाप में विशेष रूप से उन्होंने गोवंशीय पशुओं के भरण पोषण प्रति पशु प्रतिदिन प्रति पशु ₹,100/- अनुदान सहायता देने का अनुरोध किया। डॉ. शाह का मानना है कि छुट्टा पशु छोड़ने वाले पशुपालाकों मालिकाना हक होने के नाते जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम,1960, पंचायती राज अधिनियम/ काजी हाउस नियमावली तथा कैटल ट्रेसपास एक्ट के तहत जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्हें मवेशियों को खुले छोड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अगर ऐसा किया जाता है तो गोवंशीय पशुओं को लावारिश छोड़ने की समस्या जड मूल से समाप्त हो सकती। उन्होंने कहा कि लखनऊ नगर निगम एक ऐसा देश का नगर पालिका प्रतिष्ठान है जो प्रतिदिन 2-5 लख रुपए कैटल ट्रेसस पास एक्ट के तहत जुर्माना एकत्र करता है जिसका नतीजा है कि साफ सफाई के साथ लावारिस पशुओं की संख्या नहीं के बराबर है।

उन्होंने कहा कि इस समय देश की गौशालाओ को चाहिए कि वह आत्म निर्भर बनने के लिए आगे बढ़े और गोबर गोमूत्र के बेहतर प्रयोग के लिए कार्य करें। उन्होंने गौशाला में लालन पालन किए जाने वाले बूढ़े, बीमर तथा लाचार पशुओं के प्रबंधन के लिए खाली या बंजर जमीन पर चारागाह बनाने की सलाह दी और कहा कि उनकी संस्था समस्त महाजन को स्वावलंबी बनाने के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण चलती है जिसमें गोशाला प्रनिधियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मध्य प्रदेश गो संवर्धन बोर्ड के तत्वाधान में अगले महीने में आयोजित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।

डॉ गिरीश जयंतीलाल शाह ने मीडिया को बताया कि केंद्र में बनाने ने वाली नई सरकार को वह एक नई नीति निर्धारण के लिए डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करेंगे ताकि वर्तमान में देश भर में होने वाली गौ संरक्षण की समस्याओं को सुलझाने तथा पशुओं पर होने वाले अत्याचार को रोका जा सके।

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