किसानों ने राष्ट्रपति को संबोधित पत्रक ने उपजिलाधिकारी को सौंपा

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केराकत संवाददाता अरविंद यादव

किसानों ने मानव श्रृंखला बनाकर समर्थन में एकजुटता का किया प्रदर्शन

केराकत जौनपुर।

संयुक्त किसान मोर्चे एवं केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर आज केराकत रेलवे स्टेशन पर खेत मजदूर किसान संग्राम समिति, भारतीय किसान यूनियन, भगत सिंह छात्र नौजवान महासभा, भूमि अधिकार आन्दोलन, आई कैन के कार्यकर्ता संयुक्त रुप से केराकत रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा होकर जुलूस के रूप में चलकर केराकत के मुख्य चौराहे पर पहुंच कर मानव श्रृंखला बनाकर किसानों के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही किसान नेताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित 22 सूत्रीय मांगों को उपजिलाधिकारी को सौंपा ।आंदोलनकारियों ने किसान विरोधी, कृषि विरोधी कानून को वापस लेने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, चार श्रम संहिताओं (लेबर कोड बिल) निश्चित अवधि केलिए रोजगार कानून को वापस लेने, बिजली बिल वापस लेने, शिक्षा विधेयक बिल 2020, बेरोजगारों को रोजगार, ठेका प्रथा का खात्मा एवं न्यूनतम वेतन 26000 मासिक एवं दैनिक मजदूरी 600 रुपए करने, काम के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाने साबित किसानों एवम खेत मजदूरों के लिए 5000 मासिक पेंशन योजना लागू करने, मनरेगा का विस्तार करने एवं प्रति वर्ष, 200 दिन का काम सुनिश्चित करने तथा 600 रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी देने, शिक्षा को सभी के लिए एक समान शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने, वन अधिकार कानून 2006 को शक्ति से लागू करने, वनों पर आदिवासी समुदाय को नैसर्गिक अधिकार देने, देश और प्रदेश में बढ़ रही महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हिंसा सांप्रदायिक नफरत के खिलाफ नारे बुलंद करते हुए अपनी मांग शासन प्रशासन एवं सरकार के सामने प्रदर्शनकारियों ने रखा।
आंदोलनकारियों ने कहा कि अगर सरकार अपने वादा खिलाफी पर कायम रही और किसानों के विरुद्ध लाये गए कानूनों को वापस नहीं करती है, शिक्षा के निजीकरण को समाप्त नहीं करती है श्रमिक कोड बिल, ठेका कानून को वापस नहीं लेती है तो किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान प्रदेश और देश में व्यापक आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा ।
संयुक्त किसान मोर्चे के साथ जुड़कर पूरे जिले और प्रदेश में आंदोलन करने को बाध्य होगा । आंदोलनकारी आधा किलो मीटर रैली में एक कतार में चल रहे थे अलग अलग नारों से सुसज्जित पोस्टर, बैनर, और हाथों में झंडे पकड़े नारे लगाते आगे बढ़ते जा रहे थे आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से बचाऊ राम, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति की तरफ से कैलाश राम भारतीय किसान यूनियन की तरफ से रमेश यादव, भगत सिंह छात्र नौजवान सभा से विवेक शर्मा, भूमि अधिकार आन्दोलन से साधना यादव और आईकैन से मनोज कुमार आंदोलन को नेतृत्व प्रदान कर रहे थे, आंदोलन में अंबिका, करिश्मा, पूनम देवी छितौना, चंद्रकला, राज देव राम, दयाराम बंसराज यादव, मुन्ना गौड़, राज देव यादव, जनार्दन चौहान, अजय, संग्राम, रामजीत, शुभावती, सुंदरी, इंद्रा, बिंदू, कुमारी, मेवाती, समेत दो सौ से भी अधिक लोग सामिल हुए।

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