जौनपुर।
पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) की बहाली की मांग को लेकर अटेवा पेंशन बचाओ मंच ने गुरुवार को ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर जनपद के सैकड़ों शिक्षक-कर्मचारी सड़कों पर उतरे और एनपीएस/यूपीएस के खिलाफ जोरदार रोष मार्च निकाला।
यह मार्च अम्बेडकर तिराहा से शुरू होकर जोगियापुर, ओलंदगंज, जेसीज चौराहा, रोडवेज और विकास भवन होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर जाकर एक ज्ञापन सौंपने के साथ संपन्न हुआ। मार्च में विभिन्न विभागों और संगठनों के प्रतिनिधियों की सहभागिता उल्लेखनीय रही।
इस दौरान अटेवा मण्डल उपाध्यक्ष रमेश चन्द्र यादव ने कहा, “एक युद्ध – निजीकरण के विरुद्ध”, हमारा नारा है। हम NPS और UPS का पूर्ण बहिष्कार करते हैं।
मण्डल महामंत्री संदीप चौधरी ने कहा कि, “पेंशन कोई खैरात नहीं, बल्कि कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है।”
प्रांतीय सह संयोजक डॉ. यामिनी सिंह ने निजीकरण को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया।
जिला संयोजक चन्दन सिंह व जिला महामंत्री इन्दु प्रकाश यादव ने एक स्वर में कहा कि पूंजीवादी नीति किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं।
जिला कोषाध्यक्ष नन्द लाल पुष्पक ने कहा कि NPS और निजीकरण देश और समाज दोनों के लिए घातक हैं।
मार्च में अटेवा के ज़िला और ब्लॉक स्तरीय पदाधिकारी सक्रिय रूप से शामिल रहे। प्रमुख उपस्थित लोगों में टी. एन. यादव, आराधना चौहान, जगदीश यादव, प्रदीप चौहान, अरविंद यादव, सुभाष सरोज, संदीप यादव, श्याम सुंदर उपाध्याय, शांत सिंह, रोहित सिंह, मिथिलेश कुमार आदि रहे।
वहीं, आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों में अमित सिंह, डॉ. अतुल प्रकाश यादव, अनिल यादव, राम मूरत यादव, संजय चौधरी, शिव कुमार यादव, सुजीत सिंह, बृजेश त्रिपाठी, संजय सिंह, आशीष श्रीवास्तव, डॉ. उपेन्द्र सिंह और नन्द किशोर सिंह का प्रमुख नाम शामिल है।
अटेवा के इस प्रदर्शन ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर कर्मचारियों का आंदोलन तेज़ होता जा रहा है और सरकार को जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए।