कारनामा: योग्य घूमे बेरोजगार, पाकिस्तानी युवती बन गई सरकारी टीचर

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पंकज सीबी मिश्रा/ पत्रकार जौनपुर

(पूर्वांचल लाईफ न्यूज) यूपी हमेशा अपने नए – नए कारनामों के लिए चर्चा में रहता है और इस बार तो चर्चा ही नहीं पूरा कारनामा है। योगी आदित्यनाथ के सरकार में जहां यूपी में हजारों बीएड टीईटी पास बेरोजगार और ओवरएज हो गए वही इसी यूपी में पाकिस्तानी महिला शिक्षक बन पूरे सिस्टम को मुंह चिढ़ा रही। बरेली में नौ साल से कर रही थी नौकरी, अब जाकर विभाग ने किया बर्खास्त। आपको बता दें कि पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेज से बेसिक शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। उसने बरेली के फतेहगंज पश्चिमी विकास खंड क्षेत्र में तैनाती भी पा ली। जांच में फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद उसे अक्तूबर में निलंबित कर दिया गया था। विभाग ने अब उसकी सेवा समाप्त कर दी है। उसके खिलाफ विभागीय अधिकारियों ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। जल्द उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है। रामपुर शहर के बजरोही टोला में गली नंबर चार के मकान नंबर 20 की निवासी शुमायला खान पुत्री एसए खान पर यह कार्रवाई हुई है। फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी भानु शंकर गंगवार ने उसके खिलाफ फतेहगंज पश्चिमी थाने में धोखाधड़ी से नागरिकता छुपाने व फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने की रिपोर्ट दर्ज कराई। बताया गया है कि शुमायला खान ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। फिलहाल वह यहां प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थी। उसकी नागरिकता को लेकर शिकायत की गई थी। आरोप था कि वह पाकिस्तानी नागरिक है। इस मामले में विभाग ने उसके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था। एसडीएम सदर रामपुर से अपेक्षा की गई थी कि उनके कार्यालय से जारी बताया जा रहा सामान्य निवास प्रमाणपत्र की जांच करके रिपोर्ट दें। जनपद जौनपुर के पत्रकार और प्रदेश के मीडिया विश्लेषक पंकज सीबी मिश्रा ने बताया कि रामपुर के एसडीएम की जांच में साफ हुआ कि शुमायला का प्रमाणपत्र त्रुटिपूर्ण है, इसे बनवाने में जानकारी छुपाई गई है और शुमायला वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने कहा कि साल 2015 में इनकी नियुक्ति हुई थी । एलआईयू जांच में पता चला कि इनके माता पिता पाकिस्तानी हैं। रामपुर की रहने वाली शुमायला के इस मामले में हमने एसडीएम से वार्ता की। एसडीएम की ओर से जांच की गई और निवास प्रमाण पत्र निरस्त किया गया। इसके बाद आरोपी पर एफआईआर दर्ज कराई गई। तथ्य यह कि कभी लगा नहीं कि पाकिस्तानी हैं । स्कूल में कार्यरत प्रधान अध्यापक परम कृष्ण पाल ने कहा कि उच्चाधिकारियों के आदेश का पालन करते हुए शुमायला की ज्वाइनिंग कराई गई थी। ऐसा तो कभी नहीं लगा था कि ऐसा कुछ होगा। कभी पाकिस्तान की बात नहीं की थी। रामपुर का ही एड्रेस बताती थीं. उनकी मम्मी भी बेसिक में ही थी। उन्होंने कहा कि पढ़ाने में भी अच्छी टीचर थीं। ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ कि वह पाकिस्तान को सपोर्ट करती है. यह जानकर थोड़ा हुआ कि उनकी नौकरी गई लेकिन उन्हें भी तथ्य नहीं छिपाने चाहिए थे। शुमायला खान का प्रमाण पत्र पिछली साल निरस्त कर दिया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने कई बार शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा पर प्रमाण पत्र की सत्यता साबित न हो सकी। बीएसए ने तीन अक्तूबर 2024 को शुमायला खान को निलंबित कर दिया था। उसकी सेवा भी समाप्त कर दी गई है। अब बीएसए के निर्देश पर बीईओ भानु शंकर गंगवार ने रिपोर्ट दर्ज करा दी है। फतेहगंज पश्चिमी थाना पुलिस मामले में जांच कर रही है, शुमायला की गिरफ्तारी भी की जा सकती है।

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