अमेरिका के हीरसिंक स्कूल ऑफ मेडिसिन में मिली नियुक्ति
जौनपुर। जिले के लखनपुर गांव के होनहार युवा वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष कुमार मौर्य ने वैश्विक पटल पर जनपद का नाम रोशन कर एक नई मिसाल कायम की है। उन्हें अमेरिका के प्रख्यात हीरसिंक स्कूल ऑफ मेडिसिन, यूनिवर्सिटी ऑफ अलबामा, बर्मिंघम में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्चर के रूप में नियुक्त किया गया है।
डॉ. आशुतोष, श्री डॉ. लालजी मौर्य और श्रीमती मान्ती मौर्य के सुपुत्र हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जौनपुर के डॉ. रिज़वी लर्नर्स अकादमी में हुई। इसके बाद उन्होंने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक किया और फिर केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय से जीनोमिक साइंस में एम.एससी. की डिग्री प्राप्त की, जहाँ वे शीर्ष पाँच मेधावी छात्रों में शामिल रहे।
उन्होंने अपनी पीएचडी केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग से कैंसर बायोलॉजी विषय में पूर्ण की। उनका शोधकार्य विशेष रूप से लीवर कैंसर पर केंद्रित रहा। उनके अनुसंधान को ICMR, UGC, और KSCSTE जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं की प्रतिस्पर्धात्मक फेलोशिप्स से मान्यता प्राप्त हुई है।
शिक्षा के साथ-साथ डॉ. आशुतोष एक सक्रिय छात्र नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी रहे हैं। वर्ष 2012 से वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर छात्र हितों के लिए सक्रिय रहे। वे विश्वविद्यालय छात्रसंघ के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए और बाद में एबीवीपी की केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष भी बने।
कोविड-19 महामारी के दौरान डॉ. आशुतोष ने केरल सरकार द्वारा नियुक्त अनुसंधान अधिकारी के रूप में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। महामारी प्रबंधन में उनके योगदान के लिए उन्हें राज्य सरकार द्वारा विशेष सम्मान भी प्रदान किया गया।
अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता, शिक्षकों, परिवार, मित्रों और शुभचिंतकों को देते हुए, सभी के प्रति गहरा आभार प्रकट किया है।
डॉ. आशुतोष की यह उपलब्धि न केवल जौनपुर बल्कि पूरे प्रदेश और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।