जौनपुर। शहर में मानवता की मिसाल पेश करते हुए लावारिस शव इंतजामिया कमेटी ने एक और लावारिस मुस्लिम शव को धार्मिक रीति-रिवाज के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया। यह 161वां शव था जिसे इस कमेटी ने दफनाया।
यह शव शहर कोतवाली थाना क्षेत्र से प्राप्त हुआ था। पुलिस विभाग से आरक्षी सदानंद यादव ने जानकारी दी कि यह शव जिला अस्पताल का था, जिसे किसी व्यक्ति ने 108 एम्बुलेंस सेवा के जरिए अस्पताल पहुंचवाया था। उपचार के दौरान व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद जब यह पुष्टि हुई कि शव मुस्लिम समुदाय का है, तो उसे कमेटी को सौंप दिया गया।
शव की उम्र लगभग 60 वर्ष आंकी गई और पहचान नहीं हो सकी। कमेटी ने इसे पूरे इस्लामिक रीति-रिवाजों के साथ हजरत हम्ज़ा चिश्ती कब्रिस्तान में दफन करवाया। नमाज-ए-जनाजा हाफिज अजहर रशिदाबादी ने अदा करवाई।
इस नेक कार्य में कमेटी के संस्थापक रियाजुल हक सहित कई समाजसेवी शामिल रहे। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद से अब तक 161 मुस्लिम लावारिस शवों को सम्मानपूर्वक दफनाया जा चुका है।
इस अवसर पर कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. आबिद, मास्टर मेराज, इम्तियाज सिद्दीकी (बाबू भाई), महासचिव ताज मोहम्मद, अकरम मंसूरी, डॉ. इरफान (नोबेल हॉस्पिटल), आरिफ वसीउल्लाह अंसारी, हाफिज जावेद सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
कमेटी के अन्य सहयोगी सदस्यों में नितिन सिंह गोलू, दानिश सिद्दीकी, शाहनवाज़ अहमद, मो. कैफ, अदनान शेख, हुसैन अब्बास, नूर ट्रेडर्स, डॉ. अबुल खैर हारीश, मिर्ज़ा हैदर बेग शेखू, मो. कलीम, शमशाद पोटरिया का विशेष योगदान रहा।
कमेटी द्वारा किया जा रहा यह मानवीय प्रयास समाज के लिए प्रेरणास्रोत है और यह दिखाता है कि मानवता आज भी जीवित है।