जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. जे.पी. सिंह ने संघ के अध्यक्ष डॉ. राहुल सिंह द्वारा पी.जी. कॉलेज गाजीपुर के शिक्षक संघ महामंत्री डॉ. मनोज कुमार सिंह पर लगाए गए आरोपों को गलत, बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना बताया है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास शिक्षकों की छवि धूमिल करने और उन्हें मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाने का है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डॉ. जे.पी. सिंह और वरिष्ठ संयुक्त मंत्री डॉ. जितेंद्र कुमार राव ने स्पष्ट किया कि डॉ. मनोज कुमार सिंह एक योग्य, समर्पित और मेधावी शिक्षक हैं, जिन पर उनके सहकर्मियों का पूरा विश्वास है। उन्हें पी.जी. कॉलेज, गाजीपुर के शिक्षकों ने संघ का महामंत्री चुना है।
राजभवन में प्रक्रियाधीन मामला
डॉ. मनोज कुमार सिंह बनाम मा. कुलपति, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का एक मामला (संख्या 35/2024) महामहिम राज्यपाल के पास प्रक्रियाधीन है। लेकिन, इस कानूनी प्रक्रिया का उपयोग दबाव बनाने या नकारात्मक माहौल पैदा करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
10 सूत्रीय मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं
डॉ. जे.पी. सिंह ने बताया कि 3 जनवरी 2025 को शिक्षक संघ और मा. कुलपति के बीच हुई बैठक में शिक्षकों की 10 सूत्रीय मांगों पर 20 दिन के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। दुर्भाग्यवश, अभी तक इन मांगों पर कोई निर्णय या आदेश जारी नहीं हुआ है, जो शिक्षकों के हितों की अनदेखी को दर्शाता है।
आरोपों की निंदा
डॉ. राहुल सिंह द्वारा शिक्षकों पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए डॉ. जे.पी. सिंह ने कहा कि यह विश्वविद्यालय को खुश करने के उद्देश्य से एक सुनियोजित साजिश है। शिक्षकों को डराने-धमकाने और दबाव बनाने की ऐसी हरकतों की घोर निंदा की गई।
कुलपति से न्याय की अपील
डॉ. जे.पी. सिंह ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मा. कुलपति से अपील की है कि वे शिक्षकों के हित से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए तत्काल समाधान करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों को अनावश्यक जांच या दबाव में डालने की कोशिश की गई, तो शिक्षक संघ आंदोलन करने को बाध्य होगा।
निष्कर्ष
शिक्षक संघ ने इस घटना पर एकजुटता दिखाई है और न्याय के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया है। शिक्षकों के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।