सिंगरामऊ (जौनपुर)। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सिंगरामऊ की सामाजिक संस्था ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति और निफा जौनपुर ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में प्लास्टिक प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चुनौतियों पर चर्चा की गई, साथ ही पौधरोपण के माध्यम से हरित भविष्य का संदेश दिया गया।
प्लास्टिक के दुष्प्रभाव पर चर्चा
गोष्ठी को संबोधित करते हुए गोरखपुर के जिला पोषण विशेषज्ञ और संस्था के परामर्शदाता महेंद्र शुक्ला ने प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग हमारी कृषि भूमि को बंजर बना रहा है, जल स्रोतों को प्रदूषित कर रहा है, और जलजीवों के जीवन के लिए खतरा बन चुका है।
महेंद्र शुक्ला ने गोमती नदी का उदाहरण देते हुए बताया कि 4 जून 2025 को नदी में हजारों मछलियां मृत पाई गईं। उन्होंने इसे जल प्रदूषण का प्रत्यक्ष परिणाम बताया। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि प्लास्टिक कचरे का प्रभाव पृथ्वी तक सीमित नहीं है; यह समुद्र और यहां तक कि अंतरिक्ष में भी प्रदूषण फैला रहा है।
सिंगल-यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने का आह्वान
संस्था की प्रदेश संरक्षिका डॉ. अंजू सिंह ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की पानी की बोतलें, डिस्पोजेबल वस्तुएं और प्लास्टिक पैकेट पर्यावरण के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हैं।
उन्होंने बताया कि 1950 में दुनिया भर में केवल 2 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता था, लेकिन आज यह आंकड़ा 450 मिलियन टन से अधिक हो गया है। यह बढ़ती प्लास्टिक खपत पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण
कार्यक्रम में पौधरोपण के साथ-साथ लोगों को पौधे वितरित किए गए। तुलसी के पौधे बांटते हुए डॉ. अंजू सिंह ने कहा कि यह न केवल पर्यावरण को शुद्ध करने में सहायक है, बल्कि इसका स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने उपस्थित लोगों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई और प्लास्टिक के उपयोग को कम करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
सामाजिक भागीदारी पर जोर
महेंद्र शुक्ला ने सरकार और सामाजिक संगठनों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए कानूनों को सख्ती से लागू करने के साथ-साथ समुदाय में जागरूकता पैदा करना बेहद जरूरी है।
उपस्थित अतिथि और भागीदार
कार्यक्रम में लालमणि मिश्रा, सत्यजीत, मंजू सिंह, नेहा सिंह, सौम्या सिंह, विकास मिश्रा, प्रभावती, सुनीता, श्यामा देवी, संगीता और पार्वती सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
इस तरह, सिंगरामऊ में आयोजित इस कार्यक्रम ने पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह पहल न केवल पर्यावरण को बचाने में सहायक होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करेगी।