जौनपुर: महिलाओं और युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट ने पुनः एक माह की निशुल्क ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन किया। यह कार्यशाला निखार ब्यूटी पार्लर, खुझी मोड़, हिसामपुर रोड, डोभी में आयोजित की गई है।
मुख्य अतिथि का संदेश
इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए समाजसेविका और मुख्य अतिथि पायल किन्नर ने कहा कि अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट का यह प्रयास नारी उत्थान और उनकी आत्मनिर्भरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस पहल को प्रशिक्षणार्थियों के लिए बेहद उपयोगी बताया और कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण शिविर उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ उनके भविष्य को नई दिशा देंगे।
संस्थाध्यक्ष और प्रशिक्षिका का योगदान
कार्यक्रम में संस्थाध्यक्ष उर्वशी सिंह ने प्रशिक्षिका श्रीमती सरोज गुप्ता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से महिलाएं और बच्चियां अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रस्ट परिवार पहले भी ऐसे प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करता रहा है, जिससे कई महिलाओं और युवतियों ने लाभ उठाया है।
प्रशिक्षिका सरोज गुप्ता ने इस अवसर पर बताया कि प्रशिक्षण के दौरान हर सप्ताह एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इन प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाली प्रतिभागियों को समापन समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इससे बच्चियों के अंदर सीखने और आगे बढ़ने की चाहत बनी रहेगी।
संस्थापक और अन्य सदस्यों की भूमिका
ट्रस्ट की संस्थापक दीक्षा सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में बच्चियों की सक्रिय भागीदारी देखकर खुशी हो रही है। बड़ी संख्या में बच्चियों ने इस कार्यशाला में शामिल होकर अपने भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
कार्यक्रम में ट्रस्ट परिवार के सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। प्रमुख रूप से किरण किन्नर, बबली किन्नर, वंदना यादव, धरमू गुप्ता, शहजादी गुप्ता, दिनेश, उपेंद्र, ट्रेनर डिम्पल, खुशी और ज्योति जैसे कई अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम संचालन और समापन
इस कार्यक्रम का संचालन और आभार महासचिव राधिका सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला केवल तकनीकी कौशल प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य महिलाओं और युवतियों को मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना भी है।
अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट का यह प्रयास समाज के कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय कदम है। इस तरह की पहल न केवल महिलाओं और बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि उन्हें समाज में अपनी अलग पहचान बनाने का अवसर भी देगी।