साइबर फ्रॉड में 47,000 रुपये वापस कराने की सफलता: कोतवाली पुलिस का सराहनीय कार्य

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जौनपुर, 25 मार्च 2025:को कोतवाली पुलिस ने एक साइबर फ्रॉड में महिला आवेदिका के खोये हुए 47,000 रुपये को सफलतापूर्वक उसकी खाते में वापस कराए। यह कार्यवाही पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ के नेतृत्व में अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत की गई। इस अभियान में अपर पुलिस अधीक्षक नगर, क्षेत्राधिकारी नगर, और थाना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक मिथलेश कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में पुलिस टीम ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की।

घटना का विवरण:
आवेदिका दीक्षा सिंह, जो कि कटघरा क्षेत्र की निवासी हैं, 24 मार्च 2025 को ऑनलाइन साइबर फ्रॉड का शिकार हुईं। उनके खाते से 47,000 रुपये की धोखाधड़ी से कटौती हो गई। घटना के बाद, दीक्षा ने तत्काल कोतवाली थाना संपर्क किया और रिपोर्ट दर्ज कराई। थाना कोतवाली पुलिस ने मामले को प्राथमिकता देते हुए त्वरित जांच शुरू की और साइबर फ्रॉड में गुम हुए 47,000 रुपये को वापिस कराने में सफलता प्राप्त की।

पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई:
कोतवाली पुलिस द्वारा मामले की गंभीरता से जांच की गई, और 24 मार्च 2025 को महिला आवेदिका के खाते में वह 47,000 रुपये फिर से जमा कर दिए गए। दीक्षा सिंह ने जब अपने पैसे वापस पाए, तो उन्होंने कोतवाली पुलिस का आभार व्यक्त किया और उनकी सराहना की।

ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के उपाय:
पुलिस ने आम जनता को सलाह दी कि यदि किसी व्यक्ति के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है तो उसे तत्काल 1930 पर कॉल कर 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करनी चाहिए। यदि 24 घंटे से अधिक समय हो जाता है, तो वह अपनी शिकायत www.cybercrime.gov.in पर भी दर्ज करा सकता है।

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका:
साइबर फ्रॉड में खोए हुए पैसे को वापस कराने वाली टीम में थाना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक श्री मिथलेश कुमार मिश्रा, निरीक्षक महमूद आलम अंसारी, और कम्प्यूटर ऑपरेटर नीरज कुमार शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इनकी मेहनत और समर्पण ने एक व्यक्ति को साइबर फ्रॉड में खोये गए पैसे वापस दिलवाए।

अपर पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी की प्रतिक्रिया:
अपर पुलिस अधीक्षक नगर और क्षेत्राधिकारी नगर ने इस सफलता की सराहना की और भविष्य में भी इस तरह की साइबर अपराधों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने की बात की। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन का मुख्य उद्देश्य जनता को सुरक्षित रखना है, और इसके लिए पुलिस निरंतर साइबर क्राइम से संबंधित जागरूकता फैलाने के साथ-साथ त्वरित कार्रवाई भी करेगी।

निष्कर्ष:
यह घटना पुलिस प्रशासन के प्रति जनता के विश्वास को और मजबूत करती है। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए, पुलिस की यह सक्रियता और तत्परता अन्य लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि अगर सही समय पर कदम उठाए जाएं, तो ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव संभव है।

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