भदोही समितियों पर डीएपी नहीं,किसानों के लिए बोआई पर संकट

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12 साधन सहकारी समितियों पर डीएपी उपलब्ध ही नहीं

किसान समितियों का चक्कर काटने के साथ खुले बाजार से महंगे दर पर डीएपी लेने को विवश

धनंजय राय ब्यूरो/पूर्वांचल लाईफ

भदोही। कांग्रेस कमेटी भदोही के जिला महासचिव जजलाल राय ने कहा कि रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बोआई शुरू हो चुकी है। इसी के साथ उर्वरक (डीएपी) और यूरिया को लेकर संकट गहराने लगा है। 12 साधन सहकारी समितियों पर डीएपी उपलब्ध ही नहीं है। डीएपी और यूरिया की लक्ष्य के सापेक्ष कम आमद होने से जनपद भदोही के किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। किसान समितियों का चक्कर काटने के साथ खुले बाजार से महंगे दर पर डीएपी लेने को विवश हैं। जिले में करीबन 63 हजार रकबे में रबी की खेती होनी है। इसमें अकेले 50 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोआई होगी। किसानों को खाद-बीज की सुविधा देने के लिए जिले में कुल 52 साधन सहकारी समितियों की स्थापना की गई है। इसमें से 12 समिति विभिन्न कारणों से बंद हैं तो वही 40 संचालित किए जा रहे हैं। रबी सीजन के पहले ही डीएपी, यूरिया और एनपीके मंगाया गया था, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है।
श्री राय ने कहा कि जिले की समितियों की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। किसान साधन सहकारी समिति घोसिया पर नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के अलावा बोरी में बिकने वाली डीएपी मौजूद नहीं रहा। समिति की ओर से डीएपी की मांग की गई है। कैयरमऊ में भी डीएपी और यूरिया की किल्लत है। यहां 200 बोरी एनपीके है जबकि किसान डीएपी की मांग कर रहे हैं। कुरौना में एक दिन पहले 240 बोरी डीएपी आई थी, लेकिन वह चंद घंटे में ही समाप्त हो गई। अभोली के शेरपुर गोपलहां में करीब एक सप्ताह से डीएपी खत्म है, लेकिन अब तक थथभेजा नहीं गया है। इसी तरह चौरी के बरदहां, अमवां, सुरियावां के खगरपुर, महजूदा समितियों पर भी डीएपी नहीं मिल पा रही है।

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भदोही। श्री राय ने कहा कि डीएपी और यूरिया की स्थिति किल्लत को देखते हुआ, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पांडेय से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि 14,147 एमटी यूरिया के सापेक्ष 4797 एमटी, 5044 एमटी डीएपी के सापेक्ष 2942 एमटी और एनपीके 1988 के सापेक्ष 1397 एमटी आ चुकी है। एक से दो रैक 15 नवंबर तक आ जाएगी तो दिक्कत समाप्त हो जाएगी। समितियों पर इस बार आठ हजार बोतल नैनो डीएपी भेजी गई है। किसान इसका प्रयोग कर पैदावार बढ़ा सकते हैं। इसमें लागत भी आधे से कम हो जाएगी। उन्होंने बताया कि बोआई का अभी शुरुआती दौर है। अधिकतर किसान एडवांस में डीएपी लेकर रखना चाहते हैं, जिससे दिक्कत हुई है। भुगतान आदि को लेकर कुछ समितियों पर खाद अभी तक नहीं पहुंच सकी है।

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स्टॉक न होने से बढ़ रही है दिक्कत-राय

भदोही जनपद के साधन सहकारी समितियों पर वितरण के लिए डीएपी खाद का स्टॉक न होने से पहुंचने वाले किसानों को हताश निराश लौटना पड़ रहा है। समय पर खाद न मिल पाने से बोआई पिछड़ने की आशंका किसानों की परेशानी बढ़ा रही है। समितियो पर जाने पर पता चला कि खाद आई तो जरूर थी, लेकिन पहले ही दिन खत्म हो गई। यह स्थिति अधिकतर समितियों पर भी है। 100 से 150 एमटी डीएपी आती है, जो चंद घंटे में खत्म हो जाती है।
श्री राय ने चेतावनी दिया कि जिले के संबंधित कृषि विभाग के अधिकारी साधन सहकारी समितियां पर खाद को समय से उपलब्ध कराएं तथा किसानों के इस संकट को दूर करें अन्यथा कांग्रेस पार्टी जनहित में देखते हुए धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होगी जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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