जौनपुर। रमानाथ महाविद्यालय ईशापुर में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया! कार्यक्रम में महात्मा गांधी जी एवं लालबहादुर शास्त्री जी के प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं पुष्प अर्पित किया गया। महाविद्यालय के शिक्षक डॉ राज यादव ने कहा कि आज 2 अक्टूबर है यह वो शुभ दिन है जब देश एक साथ दो महापुरुषों महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती का उत्सव मनाता है। आज देश उनके महान विचारों, संघर्ष, योगदान व सादगी को याद कर उन्हें नमन कर रहा है। इसी दिन भारत के दो महान विभूतिया महात्मा गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती उपलक्ष्य में पूरे भारत मे मनाया जाने वाला एक कार्यक्रम है। जो हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाता है और यह भारत में तीन राष्ट्रीय छुट्टियों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाता है। सत्य, अहिंसा, सर्वोदय, और सत्याग्रह और उनका महत्व गांधीवादी दर्शन का गठन करते हैं और ये गांधीवादी विचार के चार आधार हैं। गांधीजी ने राजनीतिक विकास और उन्नति से अधिक सामाजिक सुधार और विकास को महत्व दिया। उन्होंने किसी भी राजनीतिक क्रांति के साथ सामाजिक क्रांति और सुधार की वकालत की। वही लालबहादुर शास्त्री जी ने असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिए अपने देशवासियों से आह्वान किया था, उस समय लाल बहादुर शास्त्री केवल सोलह वर्ष के थे। उन्होंने महात्मा गांधी के इस आह्वान पर अपनी पढ़ाई छोड़ देने का निर्णय कर लिया था। उनके इस निर्णय ने उनकी मां की उम्मीदें तोड़ दीं। उनके परिवार ने उनके इस निर्णय को गलत बताते हुए उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वे इसमें असफल रहे। लाल बहादुर ने अपना मन बना लिया था। उनके सभी करीबी लोगों को यह पता था कि एक बार मन बना लेने के बाद वे अपना निर्णय कभी नहीं बदलेंगें क्योंकि बाहर से विनम्र दिखने वाले लाल बहादुर अन्दर से चट्टान की तरह दृढ़ थे।
इस मौके पर प्राचार्य डॉ शोभित श्रीवास्तव, अजय कुमार मौर्य, सर्वेश कुमार, पवन कुमार, धनञ्जय कुमार सिंह, रवि प्रकाश पाण्डेय, शंकर सिंह बक्स, दीक्षा मौर्या, स्वेता मौर्या, साजिदा बेगम, रेनू गुप्ता सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहें।