मुद्दा : पुलिस मुठभेड़ में केवल अपराधी मरते है, एनकाउंटर पर जातिगत राजनीति शर्मनाक

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पूर्वांचल लाईफ

जौनपुर : अपराधी मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में पूरे प्रदेश को जातिगत राजनीति की आग में झोकनें वालों को शर्म आनी चाहिए। अगर इनामिया डकैत को भागते हुए सेल्फ डिफेन्स में पुलिस गोली मारती है तो बिल्कुल यह जायज है। अपराधी मंगेश एनकाउंटर मुद्दे को जातिगत बना कर राजनैतिक भूचाल मचाने वाले लोग ना सिर्फ प्रदेश के लिए कैंसर है अपितु समाज के लिए खतरनाक है। मंगेश यादव के परिवार के लोग लगातार एनकाउंटर की कहांनी पर सवाल खड़ा कर रहे है यह उनका निजी अधिकार और मसला होना चाहिए था। कुछ मौका परस्त नेताओं को सीधे पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगा हीरो बनना निंदनीय है और जातिगत राजनीति करने वालों को शर्म आनी चाहिए क्यूंकि ऐसे लोगो के कारण ही आए दिन पगड़ीधारी मनबढ़ लड़के कॉलेज गेट के सामने निर्दोष छात्रों को पीटते दिख जाते है। हाल ही में जलालपुर के कुटीर पीजी कॉलेज चक्के गेट के सामने गमछा पार्टी के पगड़ी धारी गुंडों ने एक छात्र की पिटाई की जिसका विडिओ वायरल है अब तक उन गुंडों की गिरफ़्तारी नहीं हुई क्यूंकि वो मंगेश के लिए आवाज़ उठाने वालों के चहेते है। आगे चलकर यही गुंडई, छीनैती और डकैती करेंगे। आपको बता दें सुल्तानपुर में हुए लूटकाण्ड के बाद डकैती के आरोपी जौनपुर के थाना बक्शा क्षेत्र स्थित ग्राम अगरौरा निवासी मंगेश यादव की पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत पर मचे राजनीतिक विवाद के बीच भी पूर्वांचल में एनकाउंटर का सिलसिला जारी है। हाल ही में भदोही मुठभेड़ में पांच बदमाशों के पैर में गोली लगी। 16 मार्च को औराई क्षेत्र में सराफा व्यवसायी से लूट के आरोपी अंकित यादव, 25 मार्च को बैंक मित्र लूटकांड में अजय गिरी, 17 जुलाई को सराफा व्यवसायी से लूट में गोविंदा पटेल, दीपक सरोज को गोली लगी। एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मऊ और जौनपुर के एक-एक लाख रुपये के दो इनामी बदमाश ढेर हुए। इसमें जौनपुर के मंगेश यादव उर्फ कुंभे भी शामिल था। मंगेश पर जौनपुर के साथ ही सुल्तानपुर में 10 मुकदमे दर्ज थे। सुल्तानपुर के करौंदीकला थाने से गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई हुई थी। इसी तरह मऊ का एक लाख रुपये का इनामी बदमाश मोनू चवन्नी उर्फ़ सुमित भी जौनपुर में मारा गया। मंगलवार को भी जौनपुर में दो पशु तस्करों को गोली मारी। खास बात यह है कि सूत्रों की जानकारी के अनुसार पुलिस विभाग के आंकड़े बताते है कि आठ महीने के दौरान पूर्वांचल के नौ जिलों में 85 एनकाउंटर हुए। इनमें पुलिस ने 95 बदमाशों के पैर में गोली मारी। जिसमें दो इनामी बदमाशों को सेल्फ डिफेन्स में मौत के घाट उतारा गया। एनकाउंटर के मामले में जौनपुर टॉप पर है यहाँ 36 बदमाशों के पैर में गोली मारी गई है और दो इनामी बदमाश ढेर हुए हैं। मिर्जापुर में जनवरी से अब तक चार मुठभेड़ में सात आरोपियों के पैर में गोली लगी। 23 जनवरी को 25 हजार के इनामी गो तस्कर गोविंद कुमार यादव, 27 जनवरी को 25 हजार के इनामी विकास पाल और विजय शंकर प्रजापति के पैर में गोली लगी। विकास पर 15 मुकदमे हैं। 6 मई को 25 हजार का इनामी और सात मुकदमों में आरोपी आकाश बिंद मुठभेड़ में घायल हुआ। 10 मई को अरविंद कुमार नट के दाहिने पैर में गोली लगी थी । मऊ में तीन मुठभेड़ हुई जिसमें 22 जून को अभिमन्यु उर्फ मोनू के दाएं पैर में गोली लगी थी। अजीत यादव के बाएं पैर के घुटने में गोली लगी थी। नौ अगस्त को आफताब अहमद को गोली मारने के बाद पकड़ा गया ।आजमगढ़ में 24 एनकाउंटर हुए इनमें सभी 24 आरोपियों के पैर में गोली लगी। किसी आरोपी की मौत नहीं हुई। जबकि गाजीपुर में दस एनकाउंटर हुए हैं और सभी दस बदमाशों के पैर में गोली लगी। वाराणसी में अब तक छह एनकाउंटर हुए हैं जिसमें एक जुलाई से 17 अगस्त के बीच सात बदमाश विकास उर्फ गोलू चौहान, किशन सरोज, शिवा, सुरेंद्र जायसवाल, विनोद भारती, रुद्र प्रताप सिंह उर्फ चंदन और अंशू प्रसाद गिरफ्तार किए गए। सबके दाएं और बाएं पैर में घुटने के नीचे गोली लगी बताई जाती है। चंदौली में 12 अगस्त को नौगढ़ पुलिस के साथ मुठभेड़ में दो बदमाशों के पैर में गोली लगी थी जो किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी अदालत ले जाते समय भागने का प्रयास कर रहे थे। अब इन सबके लिए अगर अपनी – अपनी जाति देख नेता इन्हे बचाने और इनके परिवार को हीरो बनाने जाएंगे तो यह समाज के लिए कलंक है और ऐसे नेताओं को चुनने से पहले जनता को सौ बार सोचना होगा। बेहद शर्मनाक राजनीति की शुरुआत कर रही कांग्रेस और सपा इस मामले में अव्वल है।

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