दिनांक 7 जून से लेकर आगामी एक सप्ताह तक एक बार फिर जौनपुर और आसपास उत्तर भारत मध्य भारत और पश्चिम उत्तर भारत में पिछले सभी कीर्तिमान तोड़ने वाली महा भयंकर गर्मी फिर से पड़ेगी और एक बार फिर से तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से बढ़ता हुआ जौनपुर में 48 डिग्री सेल्सियस और आसपास 49 डिग्री सेल्सियस और कई स्थानों में 50 डिग्री सेल्सियस भी पार कर सकता है यह गर्मी इस वर्ष की सबसे भयंकर और अंतिम प्रचंड गर्मी होगी इसके बाद 12 या 13 जून से गर्मी कम होनी शुरू होगी और मानसून पूर्व वर्षा का आरंभ हो जाएगा।
इस विकराल गर्मी की विशेषताएं यह होगी कि इस बार की गर्मी में तेज और सूखी हवा पछुआ होगी इसके प्रभाव से तापमान अचानक बेहद बढ़ जाएगा और एक बार फिर आसमान से अग्निवार्षा होने लगेगी शरीर जलने लगेगा और बाहर निकालना अत्यंत कठिन हो जाएगा और 5 मिनट एक स्थान पर ठहरने पर शरीर में ताप लहर का प्रभाव हो जाएगा यह गर्मी मानसून पूर्व की गर्मी है इसलिए बहुत अधिक खतरनाक और सीधे सिर पर वार करने वाली होगी।
इस अल्ट्रावायलेट किरणों की तीव्रता 8 से 12 होने के कारण यह 44 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच की गर्मी और भी भयानक हो जाएगी और जाते-जाते सबको रुला कर जाएगी इस बार मार्च अप्रैल में जून में गर्मी ने सभी कीर्तिमान तोड़े और सबसे कम आंधी तूफान आने का योग बना इस अवधि में वायु गुणवत्ता सूचकांक की बेहद खराब रहेगा जो 200 से 300 के बीच होने से लोगों को वायु संबंधित संचारी रोगों और फेफड़ों की समस्या होगी लगातार यह ऐसी गर्मी होगी जो 4 महीने मार्च अप्रैल मय जून तक चलेगी 12 और 13 जून के बाद से मानसून पूर्व वर्ष के बाद 17 से लेकर 19 जून तक जौनपुर जनपद में और आसपास कभी भी मानसून का प्रवेश हो सकता है।
जो लगभग 4 महीने घनघोर वर्षा करके बाढ़ का कारण बनेगा और 1984 85 के बाद एक बार लंबी अवधि के बाद गोमती नदी में बाढ़ आने की पूर्ण संभावना दिख रही है यह इतनी विकराल हो सकती है कि नदी के किनारे पर बसने वाले पूरी तरह नदी की धारा में समाहित हो सकते हैं इस कालखंड में मानसून 7 से 8 जून तक महाराष्ट्र और बंगाल तक 12 से 13 जून तक गुजरात मध्य प्रदेश उड़ीसा और बिहार तक और 15 से 20 तक उत्तर प्रदेश झारखंड छत्तीसगढ़ पहुंच जाएगा और जून के अंत में संपूर्ण भारत को पार कर जाएगा घनघोर वर्षा के बाद भी भारत के 20% विभाग पर सुख और काल की छाया रहेगी 7 जून से 13 जून तक जौनपुर और आसपास इस वर्ष की यह आखिरी गर्मी है जिसमें तापमान चरम पर पहुंच जाएगा और यह 47 से 48 डिग्री ही पार कर सकता है इसके बाद भी गर्मी है अक्टूबर तक पड़ेगी लेकिन फिर तापमान कभी भी 44 डिग्री सेल्सियस के पर नहीं जाएगा।
डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी।