हलचल : प्रधान-मैन-थ्री के रूप में नरेन्द्र मोदी की ताजपोशी, जनता ने फिर मौका दिया

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जौनपुर! योगी-मोदी की जोड़ी में दोनो ने दो-दो बार लगातार देश और राज्य की कमान एक साथ सम्हाले रखी पर अब मोदी प्रधान मैन के रूप में तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। जिनकी ताजपोशी रविवार 9 जून 2024 कों कई गणमान्य की उपस्थिति में हो रही है। ममता बनर्जी, राहुल गाँधी और अखिलेश यादव ने मोदी कों तीसरी बार पीएम बनने से रोकने के लिए अपना सब कुछ झोक दिया किन्तु यूपी कों छोड़कर अन्य सभी राज्य की जनता ने पीएम पद के लिए मोदी पर विश्वास जताया। हालांकि इस खबर से अब ममता बनर्जी बदहवास नजर आ रहीं और बार बार कह रहीं की नीतीश भांगेगे, सरकार गिरेगी, हमारी बारी आएगी, रम्बा रम्बा सम्बा सम्बा इत्यादि। जनपद के पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक पंकज सीबी मिश्रा ने बताया कि रविवार नौ जून की शाम ऐतिहासिक होगी ज़ब 1962 के बाद दूसरी बार कोई प्रधानमंत्री तीसरी बार लगातार देश की बागडोर सम्हालेगा। पीएम बनने कों लेकर जहाँ भाजपाई समेत देश के तमाम रामभक्त, देशभक्त अन्य देशो जैसे रूस, ईरान, सऊदी, अमेरिका, फ़्रांस आदि के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री खुश है वहीं पाकिस्तान चीन सहित भारत का विपक्ष और कुछ सेक्यूलर बिल्कुल बदहवास और नाखुश है। यूपी लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर हार के बाद कई ब्राह्मण चेहरों कों केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जाने की सुगबुगाहट है अर्थात यदि ऐसा होता है तों निश्चित ही भाजपा यह समझ चूकि है कि उसके कोर वोटर उससे नाराज थे जिससे ऐसा परिणाम प्राप्त हुआ हालांकि इसका फायदा केवल ब्राह्मण के नाम पर ठेकेदारी करने वाले नेताओं कों मिलेगी जिन्होंने ब्राह्मणो के लिए कुछ नहीं किया और ऐसे में आगे चलकर उनकी राह और कठिन होगी। यूपी हार के प्रमुख कारणों में पूर्व सांसदों की पुनरावृति और कार्यकर्ताओ की निष्क्रियता रही। बीजेपी सांसद 2019 में चुनाव जीतने के बाद से पांच साल तक घर बैठने और सिर्फ मोदी-योगी के सहारे जीतने के सपने देखते रहे। परिणाम बता रहे हैं कि भाजपा को लगातार दो बार सत्ता की बुलंदी तक पहुंचाने वाला यूपी एक बार फिर से ‘गेमचेंजर’ साबित हुआ । 2024 के चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा किन्तु मध्य प्रदेश ने छोटे भाई की तरह मामला सम्हाल लिया इसलिए इस राज्य से भी अच्छे केंद्रीय मंत्री मिलने जा रहें जिसमें शिवराज सिंह चौहान सबसे बड़ा चेहरा होंगे।सपा-कांग्रेस के गठबंधन ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों के विजय रथ को यहां की कुल 80 सीटों में आधे से भी कम पर रोक दिया। क्लीन स्वीप यानि सभी 80 सीटें जीतने का दावा करने वाली भाजपा 33 सीटों पर सिमट गई तों जहाँ जहाँ सीटे बच गई वहां के सांसदों कों खास तवज्जो मिलेगा इस बार मंत्रिमंडल में। पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र भी वो कारण रहें जिसके चलते भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल नहीं कर सकी। ऐसे में सवाल है कि 2014 और 2019 में सत्ता तक पहुंचने वाले मोदी इस बार किन राज्यों से कितने केबिनेट मंत्री रखते है! दरअसल, जिन सांसदों के खिलाफ माहौल होने के आधार पर संगठन की ओर से टिकट बदलने की रिपोर्ट हाईकमान को भेजी गई थी, उनमें अधिकांश सांसदों के बारे में यही कहा जाता रहा है कि चुनाव जीतने के बाद पांच साल तक यह जनता के बीच से गायब रहे तों ऐसे सासदों की पराजय हर प्रदेश में हुईं । यूपी के कुछ मंत्रियो का क्षेत्र से जुड़ाव नहीं दिखा ना कोई वर्चस्व रहा, वीआईपी बनने के चक्कर में इनका प्रभाव नहीं दिखा और भाजपा के प्रत्याशी हारे। अपने पूरे कार्यकाल में जनता के बीच काम न करके ऐसे तमाम मंत्री केवल गुलदस्ता बटोरते रहें। प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए गहमागहमी का दौरा जारी है। इस अवसर पर भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। पीएमओ के मुताबिक,श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे,मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनुथ,नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भाग लेने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के अलावा ये सभी नेता उसी शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित डिनर में भी शामिल होंगे। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, राष्ट्रीय राजधानी में दो दिन ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित हुआ है। दिल्ली पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को आज और कल (09 और 10 जून) के लिए “उड़ान निषिद्ध” क्षेत्र घोषित कर निषेधाज्ञा लागू की गई है। दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने यह आदेश शुक्रवार को जारी किया।शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की पांच कंपनी,राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) कमांडो,ड्रोन और स्नाइपर (अचूक निशानची) को तैनात किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह में दक्षेस ( एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) के सदस्य देशों की गणमान्य हस्तियों को आमंत्रित किए जाने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी हाई अलर्ट पर रहेगी।

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