हीटवेव से रहे बचकर जीवन है अनमोल :डॉ अतुल यादव

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पूर्वांचल लाइफ “पंकज जयसवाल”
शाहगंज। आजकल मौसम में बहुत तेजी से बदलाव हो रहा है दिन भर उमस भरी गर्मी और पसीने से आमजन मानस हलकान है पशु पक्षी से लेकर हर प्राणी गर्मी से बेहाल नज़र आ रहा है. ऐसे में एक सबसे भयंकर समस्या जो होती है वह पानी की कमी होती है. आम दिनों की अपेक्षा इस गर्मी के मौसम में सभी प्राणियों को पानी की अत्यधिक आवश्यकता पड़ती है. पशु पक्षियों के लिए भी हमें चारे पानी का इंतजाम समय समय पर करते रहना चाहिए। उसी प्रकार अपने लिए समय समय पर पानी जरूर पीना चाहिए। अन्य दिनों में हम जहाँ पाॅंच या छ: गिलास पानी का उपयोग करते हैं तो इस गर्मी के मौसम में उसकी मात्रा बढा़ कर कम से कम दस से पंद्रह गिलास कर देना चाहिए. इतना पानी हमे एक साथ नहीं पीना है हर एक आधे घंटे पर कम से कम एक गिलास पानी अवश्य पी लेना चाहिए प्यास न लगी हो तब भी। इससे शरीर में पानी की आवश्यकता पुरी होती रहेगी। इस मौसम में हमें पसीना भी बहुत होता है जिससे शरीर में पानी का स्तर गिर जाता है, उसी की पुर्ति के लिए हमें पानी का उपयोग करना चाहिए। जब आप घर से बाहर जा रहे हो तब खाली पेट कभी भी घर से न निकले कुछ भोजन अवश्य कर ले और पानी की बोतल या थर्मस अपने साथ अवश्य रखें। इस मौसम में चने और जौ का सत्तू अत्यंत लाभकारी होता है उसका उपयोग अवश्य करना चाहिए।फिर भी अगर किसी कारण से शरीर में पानी की कमी महसूस होती है तो सबसे अच्छा उपाय इलेक्द्राल की पैकट होती है. अगर वह भी उपलब्ध न हो तो एक गिलास पानी में एक चम्मच चीनी और एक चुटकी नमक का घोल आपको काफी राहत दे सकता है। लू से बचने के आप जब भी घर से बाहर निकले पेट खाली न रहे, सर पर कोई कपडा टोपी अवश्य बाध ले जिससे सर पर धुप न लगे जहाँ तक संभव हो अपने जरूरी कामों को सुबह में या शाम में करने की कोशिश करे। लू से बचाव में ही इसका इलाज है। आयुर्वेद चिकित्सक डाक्टर अतुल यादव ने बताया कि:- इस मौसम में वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन, एल्कोहल, चाय काफी जैसे गर्म पेय पदार्थ न के बराबर ले। सूती ढ़ीले एवं आरामदायक कपड़े पहने। ज्यादा गहरे रंग के कपड़ो से बचे। जहाँ तक संभव हो अपने जरुरी काम सूबह या शाम को करने का प्रयत्न करें। नियमित अंतराल पर तरल पदार्थ जैसे छांछ लस्सी नींबू पानी आम का पन्ना पीते रहे।

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