शांत हो चुके मीरा रोड की पिच पर हिंदुत्व कार्ड का खेल

Share

भायंदर। मीरा भायंदर शहर मे इन दिनों एक स्वयं घोषित हिंदू शेरनी निर्दलीय विधायक गीता जैन की काफी चर्चा है.25 फ़रवरी को मीरा रोड मे तेलंगाना के विधायक और हिंदूवादी फायर ब्रांड नेता टी. राजा की रैली आयोजित की गयी थी. टी. राजा अपने विवादस्पद बयानों के लिए जाने जाते है.साथ ही राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा के समय निकाली गयी रैली मे रामभक्तो पर नयानगर इलाके मे हुई हिंसा के चलते शहर मे कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस चिंतित थी.इसलिए 19 फ़रवरी को शिवाजी महाराज जयंती के मौके पर उनकी प्रस्तावित रैली और सभा को पुलिस प्रशासन ने इजाजत नहीं दी थी. लेकिन फिर कोर्ट के आदेश के बाद शर्तो के साथ उन्हें सिर्फ रैली की परमिशन मिली. गौरतलब है की ये पूरा आयोजन सकल हिंदू समाज और अन्य हिंदू वादी संगठन ने किया था लेकिन अदालत के आदेश के बाद विधायक गीता जैन एक्टिव मोड मे आ गयी और इस पूरे कार्यक्रम को हाईजैक करने मे लग गयी. हालांकि सूत्रों का कहना है की ये योजना उन्ही की थी लेकिन पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए उन्होने आयोजक मंडली को प्रायोजित कर दिया.जिसकी तस्दीक टी राजा ने अपने भाषण मे कर भी दी. उन्हें इस बात का अंदाजा था की टी. राजा के नाम पर भीड़ जुटाना आसान होगा इसलिए उन्होंने अतिथि सत्कार के नाम पर खुद को प्रमोट किया और खुद को हिंदू शेरनी के रूप मे स्थापित करने की कोशिश करते हुए अपने बैनर पोस्टर भी शहर मे लगवाए. हालांकि शहर के प्रबुद्ध बुद्धिजीवी लोंगो का मानना था की जब शहर मे शांतिपूर्ण माहौल है तो ऐसे मे इस दौरे या कार्यक्रम की कोई आवश्यकता नहीं थी और मीरा भायंदर के सभी भाजपा एवं अन्य पार्टी के नेताओं ने भी इस रैली और आयोजन से दूरी बनायीं थी. महत्वपूर्ण बात ये है की जिस तरीके से नयानगर मे हुई हिंसा के बाद भाजपा नेता एड. रवि व्यास ने पीड़ितों के साथ खड़े होकर तथा आक्रामक होकर कानूनी कार्रवाई करवाई। उसका संज्ञान पूरे शहर ने लिया था और उनकी तारीफ भी की गई थी. वही पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता इस पूरे मामले मे मूकदर्शक की भूमिका में बने रहे और तिरंगा शांति यात्रा निकालकर अपनी राजनैतिक धरातल को सुधारने के असफल प्रयास मे लगे रहे.इसी के चलते गीता जैन अपने आप को हिंदू शेरनी के रूप मे स्थापित करने के प्रयास मे लग गयी. टी राजा की रैली के जरिये गीता जैन ने इसको साधने का प्रयास किया. यहाँ तक की रैली मे ना सिर्फ उनकी तस्वीर टी राजा से बड़ी थी बल्कि उन्होंने अपना कद भी बड़ा दिखाने की पूरी कोशिश की. जिस तरह से टी राजा ने अपने सम्बोधन के दौरान गीता जैन की उपस्थिति मे समुदाय विशेष के लिए जातिसूचक और लिंगवाचक शब्दों का इस्तेमाल किया और वो वहाँ खड़ी रहकर मुस्कुराती रही वो भी चर्चा का विषय बना हुआ. कुलमिलाकर निर्दलीय विधायक गीता जैन ने अपने कार्यकाल के दौरान जो काम किये है उसका विश्लेषण आम जनता कर रही है. साथ ही वो भाजपा के साथ है या फिर शिवसेना के साथ ये भी अभी सस्पेंस बना हुआ है. इसलिए अब राजनैतिक विश्लेषको का मानना है कि गीता जैन अब हिंदू शेरनी का चोला पहनकर अपनी राजनीती को चमकाने की कोशिश कर रही है.ये अलग बात है की ये पब्लिक है सब जानती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!