पूर्व चपरासी ने राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल की जमीन पर किया कब्जा, डीसी के आदेश बावजूद सरकारी जमीन नही खाली करने को तैयार !

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राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय ग्राम बयाँव जिला भदोही में वंशू चपरासी के पद पर कार्यरत था, चार वर्ष पूर्व वंशु चपरासी पद से सेवानिवृत होने बाद भी अस्पताल परिसर के जमीन पर अवैध कब्जा कर घर का निर्माण कर वहीं पर निवास कर रहा है, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत स्थानीय ग्रामीणों और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष अस्पताल प्रशासन से की थी, शिकायत मिलने का बाद डीसी ने अस्पताल प्रशासन को अवैध कब्जे को खाली कराने का आदेश दिया था।

पूर्वांचल लाईफ / संवाददाता

भदोही : योगी सरकार जहां एक तरफ सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के खिलाफ जोरदार मुहिम चलाकर अवैध निर्माण के निष्कासन की करवाई को अंजाम दे रही है, वहीं ग्राम बयाँव जिला भदोही में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय परिसर में पूर्व चपरासी द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध घर का निर्माण करा वहीं पर निवास करने का सनसनी खेज मामला सामने आया है, जिसकी शिकायत स्थानीय ग्रामीणों और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष पांडे द्वारा अस्पताल प्रशासन से गई थी। शिकायत पत्र में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को खाली कराने की मांग की थी। शिकायत मिलते ही डीसी डॉ.सरोज शंकर राम ने अस्पताल प्रशासन को आदेश जारी करते हुएं उक्त सरकारी जमीन को खाली कराने का निर्देश जारी किया था। लेकिन सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है, ऐसा ही एक मामला बयाँव गांव में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय परिसर में हुएं अतिक्रमण को हटाने को लेकर अस्पताल प्रशासन का ढिलमुल रवैया सामने आ रहा है। डीसी के आदेशों का पालन कराने में स्थानीय अस्पताल प्रशासन पूरी तरह विफल नजर आ रहा है, वहीं स्थानीय शिकायतकर्ता ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल परिसर मौजूद अवैध घर में रोज शाम को शराबियों का जमवाड़ा लगता है। जिस कारण अब गांव की महिलाएं और लड़कियां अब अस्पताल में इलाज करवाने से जाने से बचने लगी है। शिकायतकर्ताओं ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल परिसर में शराब पीने से मना करने पर पूर्व चपरासी वंशु पुलिस स्टेशन में झूठे मुकदमे फसाने की धमकी देता है। शिकायतकर्ताओं ग्रामीणों ने अस्पताल प्रशासन पर भी पूर्व चपरासी के साथ मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहीं कारण आदेश होने इतने दिन बीत जाने के बाद भी अवैध कब्जे को खाली नहीं कराया जा सका है। सरकारी जमीन पर कब्जा एक अपराध है, जिसके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 447 के तहत 3 महीने की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। यदि कब्जा दोबारा किया जाता है, तो सजा 6 महीने तक बढ़ सकती है। बेदखली अतिक्रमण के मामले में सरकार अतिक्रमणकारी को बेदखल कर सकती है।

भूमहीन होने का झूठा दावा करते हुए बयाँव गांव में भूमिपट्टे के लिए किया आवेदन !

पूर्व चपरासी वंशु की पत्नी ने भूमहिन होने का दावा करते हुएं, बयाँव गांव में भूमि पट्टे के लिए किया आवेदन किया है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि मिर्जापुर जिला के लालगंज क्षेत्र में जमीन ले रखा है, और उस पर दो कमरे का निर्माण भी करवाया उसके बावजूद बयाँव गांव में भूमहीन होने का दावा करते हुए, भूमिपट्टे के लिए आवेदन किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व चपरासी वंशु द्वारा जबरन नियमों कानून को ताक पर रखकर अस्पताल परिसर में घर का निर्माण करवाया है। प्रशासन के ढिलमुल रवाइए के कारण स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी वाराणसी डॉ.सरोज शंकर राम ने 31 जनवरी को अतिक्रमण हटाने का निर्देश जारी किया था।

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी वाराणसी डॉ.सरोज शंकर राम ने 31 जनवरी को निदेशक आयुर्वेदिक लखनऊ, जिलाधिकारी भदोही, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भदोही, और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष पांडे को सूचित करते हुए निर्देशित पत्र में बयाँव अस्पताल प्रशासन को नियमों के अनुसार अस्पताल परिसर में सेवा निवृत्त होने के पश्चात रहने और अवैध घर को निष्कासित करने का निर्देश जारी किया था। परंतु इतने दिन बीत जाने के बाद भी अभी भी सेवा निवृत्त चपरासी वंशु अस्पताल परिसर अवैध रूप से निवास कर रहा है। इससे कहीं ना कहीं अस्पताल प्रशासन के कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाते वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश को उन्ही के विभाग के अधिकारियों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। अस्पताल की मुख्य डॉ.अनुराधा गुप्ता का कहना है कि उन्होंने संबंधित अतिक्रमण की जानकारी डीएम, एसडीएम समेत अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवा दिया है। उक्त अतिक्रमण को 5 मार्च तक खाली कराने का आश्वासन भी दिया है।

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