राज्यमंत्री के रेंडम चेकिंग में खुल गई पोल, सीएमओ ने कार्रवाई का दिया भरोसा “रिपोर्ट मो0अरशद”
जौनपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश है कि तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों पर सभी अधिकारी, कर्मचारी, चिकित्सक रात्रि निवास करेंगे। लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोंधी के चिकित्सा प्रभारी डॉ रमेश चंद्रा इसे नहीं मानते। यहां रहने के बजाय वह प्रत्येक दिन आजमगढ़ जनपद के लालगंज तहसील मुख्यालय स्थित एक निजी चिकित्सालय पर निवास करते बताए जाते हैं। सूत्र बताते हैं कि यह अस्पताल उन्हीं के परिवार का है। स्वास्थ्य कर्मियों के इस बड़े खेल का खुलासा खुद प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने एक जनवरी की शाम को किया।
जब वह कस्बा के एक युवक वेद प्रकाश प्रजापति का मेडिकल परीक्षण न कराए जाने की शिकायत पर खुद अस्पताल में पहुंचे।
इस दौरान वहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा प्रभारी डॉ रमेश चंद्रा नदारत मिले तो मंत्री का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया।उन्होंने फौरन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह को फोन करके इस घोर लापरवाही पर चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगने और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का निर्देश दे दिया। यह वही चिकित्सक बताए जा रहे हैं जिन्हें पूर्व में तत्कालीन डीएम दिनेश कुमार सिंह, प्रभारी मंत्री समेत खुद राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव कई बार गंभीर शिकायत मिलने पर उन्हें फटकार लगा चुके हैं। बावजूद इसके यह चिकित्सक यहां निवास नहीं करते।
ऐसे में सहज ही कल्पना की जा सकती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश को अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी और स्वास्थ्य कर्मचारी किस रूप में लेते हैं। इस संबंध में डॉ रमेश चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी ड्यूटी जिला अस्पताल में लगी हुई थी। उनके स्थान पर दूसरे चिकित्सक की तैनाती मौके पर थी।