देसी तिलहन के उत्पादन में कमी के आसार, चुनावों के मद्देनजर हुआ यह फैसला – शंकर ठक्कर
“सुजीत सिंह सह संपादक महाराष्ट्र”
ठाणे। अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फेडरेशन ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, भारत मार्च 2025 तक कम आयात कर दरों पर खाद्य तेलों के आयात की अनुमति जारी रखेगा, क्योंकि दुनिया में वनस्पति तेल के सबसे बड़ा आयातक भारत ने स्थानीय कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए यह कदम उठा रहा है। कच्चे पाम तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और कच्चे सोया तेल पर कम आयात शुल्क संरचना मूल रूप से मार्च 2024 में समाप्त होने वाली थी। हालांकि, आदेश के अनुसार, रिफाइनर अब मार्च 2025 तक कम शुल्क पर आयात करना जारी रख सकते हैं।
सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर खाद्य तेलों के आयात शुल्क् की अवधि को 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2025 किया है। आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं। HS CODE 15071000 क्रूड सोया तेल पर 5%, 15111000 क्रूड पाम् तेल पर 7.5%, 15121110 क्रूड सोया तेल पर 5% की ड्यूटी लगती है।
शंकर ठक्कर ने आगे कहा सरकार द्वारा यह फैसला चुनावी वर्ष होने के नाते लिया गया होने का प्रतीत हो रहा है। पिछले 8 से 10 महीनो में खाद्य तेलों के दाम मैं भारी गिरावट आई है। लेकिन दूसरी तरफ शुष्क मौसम एवं कई क्षेत्र में बारिश अनियमित एवं कम होने से उत्पादन में कमी होने के आसार हैं और जमीन के अंदर पानी की कमी होने के नाते रवि फसल में भी पिछले वर्षों के मुकाबले कमी होने के आसार है। इसलिए सरकार का यह फैसला लिया गया हो सकता है।