पंकज सीबी मिश्रा/पत्रकार जौनपुर
(पूर्वांचल लाईफ न्यूज) यूपी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में अगले छ महीनों के लिए किसी भी हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण अधिनियम 1966 की धारा तीन की उपधारा के अधीन शक्तियों का प्रयोग करके जारी किया गया है।हड़ताल अवरोध संबंधित आदेश में कहा गया है कि आगामी छ महीने तक सरकार की किसी भी सेवा से जुड़े कर्मचारी किसी भी तरह का हड़ताल नहीं कर सकेंगे। प्रदेश के मिडिया विश्लेषक एवं पत्रकार पंकज सीबी मिश्रा नें बताया कि अनाधिकृत हड़ताल को लेकर सरकारी आदेश जारी किये जा चुके है। गौरतलब है कि प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक एम देवराज ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। गौरतलब है कि बिजली विभाग के कर्मचारियों ने 7 दिसंबर को हड़ताल का ऐलान किया था और ज़ब कर्मचारियों ने इस हड़ताल का आह्वान किया तो सरकार और पावर कॉरपोरेशन सतर्क हो गया और इस मामले से शासन के बड़े अधिकारियों को अवगत करा दिया। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा तत्परता दिखाते हुए यह फैसला लिया गया है। एस्मा यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट जिसे हिंदी में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून के नाम से भी जाना जाता है। यह कानून तब इस्तेमाल किया जाता है जब कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं। इस कानून को सरकारे, हड़ताल को रोकने के लिए इस्तेमाल करती है। खास बात यह है कि इस कानून अधिकतम छ महीने के लिए लगाया जा सकता है जिसे इससे पूर्व 2014 में भी लागू किया जा चुका है हालांकि, इस कानून को लगाने से पहले सरकार द्वारा कर्मचारियों को एक नोटिफिकेशन देना आवश्यक होता है। इस क़ानून के उलंघन पर छ महीने की सजा भी है।यह कानून किसी भी सरकार द्वारा तब लगाया जाता है जब उनके पास हड़ताल रोकने के सारे रस्ते बंद हो जाते हैं। साथ ही हड़ताल का प्रतिकूल प्रभाव आवश्यक सेवाओं पर पड़ने लगता है। यह कानून जिस सर्विस (सेवा) पर लगाया जाता है।उससे जुड़े कर्मचारी फिर हड़ताल नहीं कर सकते हैं। वहीं बिना वारंट के गिरफ्तारी का प्रावधान भी स्वतः लागू हो जाता है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। हड़ताल पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने एसेंशियल सर्विसेज मेंटनेंस ऐक्ट (एस्मा) का इस्तेमाल किया है। कानून सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों, निगमों और प्राधिकरणों पर लागू होगा। अगले छह महीनों के लिए सरकार ने एस्मा लागू करने की घोषणा की। सरकार द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि लोकहित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि बिजली विभाग में पीपीपी मॉडल के तहत परिवर्तन के विचारों के बीच सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर जाने की तैयारी में थे। जिसको लेकर पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने सभी जिलाधिकारी, मंडलायुक्तों, पुलिस कमिश्नरों और कप्तानों को पत्र लिखकर इसके लिए बंदोबस्त शुरू करने के आदेश पहले ही दे दिए थे। अब सरकार के इस फैसले के बाद पवार कार्पोरेशन ने राहत की सांस ली है। एस्मा लागू होने के बाद कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध और दंडनीय माना जाता है। पहले भी योगी सरकार हड़ताल को प्रतिबंधित करने के लिए एस्मा लागू कर चुकी है। फरवरी, 2024 में एस्मा लागू करने की घोषणा की गई थी। तब किसान आंदोलन चल रहा था।