धनंजय राय ब्यूरो/पूर्वांचल लाईफ
भदोही। जिलाधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि आगामी इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की 2.12.2024 से 09.01.2025 तक आयोजित Term-End Examination (TEE), दिसम्बर 2024 की सुरक्षा व्यवस्था व त्यौहार आदि के दृष्टिगत असामाजिक एवं अवांछनीय तत्वों की गतिविधियों एवं उनके कार्य कलापों से शान्ति भंग होने की सम्भावना उत्पन्न हो सकती है। अतः जनपद भदोही की सीमा के अन्तर्गत लोक प्रशान्ति एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के दृष्टिगत में विशाल सिंह, जिला मजिस्ट्रेट, भदोही भारतीय नागरिक सुरक्षा 2023 की धारा-163 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए निम्न आदेश पारित करता हूँ।कोई भी व्यक्ति ईट-पत्थर, आग्नेयास्त्र/विस्फोटक पदार्थ, तलवार, भाला, भुजाली, लाठी डण्डा या 05 सेमी० से अधिक फल वाली छूरी/धारदार हथियार अथवा अन्य किसी ऐसे हथियार को लेकर नहीं निकलेगा और न ही इसका प्रदर्शन करेगा और न ही एकतित्र करेगा, जिसका उपयोग आक्रमण के लिए किया जा सके। यह आदेश ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी तथा सिख व गोरखा जाति के व्यक्तियों पर जो प्रथा के अनुसार कृपाण व खुखरी के अधिकारी है, पर लागू नही होगा।
कोट्स
कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक विद्वेष पैदा करने वाले भाषण तथा लोक प्रशान्ति को विक्षुब्ध करने वाले उत्तेजक भाषण व नारे आदि नही लगायेगा। कोई भी व्यक्ति गलत अफवाह नही फैलायेगा और न ही जनता में इस प्रकार की नोटिसे पर्चे अथवा साहित्य प्रकाशित अथवा वितरित करेगा जिससे कि उत्तेजना फैले और हिंसा का मार्ग प्रशस्त्र होकर लोक प्रशान्ति विक्षुब्ध हो।
कोट्स
कोई भी व्यक्ति जुलूस अथवा सभा किसी सार्वजनिक स्थान पर अधोहस्ताक्षरी अथवा सम्बन्धित उप जिला मजिस्ट्रेट के पूर्व अनुमति के प्राप्त किये बिना नही करेगा/निकालेगा और न ही किसी ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग करेगा।
कोट्स
किसी भी सार्वजनिक स्थान अथवा सड़क या गली में पाँच (05) से अधिक व्यक्ति एकत्रित नही होंगे। गृह मंत्रालय, भारत सरकार/उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्गत कोविड-19की गाइडलाइन्स में जारी दिशा निर्देशों के साथ ही सोशल डिस्टेंसिग का अनुपालन किया जाना अनिवार्य होगा।
कोट्स
यह आदेश जनपद भदोही के सम्पूर्ण जनपदीय क्षेत्र में 30.11.2024 से 31.01. 2025 तक यदि इसके पूर्व वापस न ले लिया जाय, प्रभावी रहेगा। उक्त प्राविधानों की अवज्ञा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा-223 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।
चूँकि स्थिति की गम्भीरता तथा तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए इस आदेश को शीघ्र प्रभावी करना आवश्यक है और समयाभाव के कारण दूसरे पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करना सम्भव नहीं है। अतः यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया जाता है।