गठित पांच टीमें भी अभी तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी
बावन बीघा तालाब के हनुमान मंदिर के पुजारी सीताराम की बदमाशों ने गला रेतकर हत्या कर दी थी
अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. तेजवीर सिंह ने कहा जल्द ही बदमाश पुलिस के गिरफ्त में होंगे
धनंजय राय ब्यूरो/पूर्वांचल लाईफ
भदोही। सुरियावां के बावन बीघा तालाब स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी सीताराम की हत्या के मामले में पुलिस के हाथ पांच दिन बाद भी खाली है। अभी तक सिर्फ पूछताछ तक ही जांच सिमट कर रह गई है। खुलासे के लिए गठित पांच टीमें भी अभी तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है। इसे लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ने लगी है। रविवार की रात में बावन बीघा तालाब के हनुमान मंदिर के पुजारी सीताराम की बदमाशों ने गला रेतकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने पहले तो मामला संदिग्ध बताया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के निशान मिलने पर हत्या की पुष्टी की। मामला मंदिर के पुजारी का होने और पुलिस की लापरवाही को देखते हुए प्रभारी निरीक्षक समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। लेकिन एसपी ने खुलासे के लिए पांच टीमें गठित कर दी, लेकिन घटना के पांच दिन बाद भी अभी तक पुलिस के हाथ कोई खास कंक्रीट नहीं लग सका है। घटना में अभी तक कोई ठोस प्रगति न होने से जनता में नाराजगी जताई जा रही है। उधर अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. तेजवीर सिंह ने कहा कि पुलिस टीमें जांच कर रही है। अभी तक कोई खास कंक्रीट हाथ नहीं लगा है। उम्मीद है कि जल्द ही बदमाश पुलिस के गिरफ्त में होंगे।
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भदोही जिले की कोतवाली क्षेत्र के बावन बीघा तालाब स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी सीताराम (75) की गला रेतकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। यह 25 साल में हनुमान मंदिर के तीसरे पुजारी की हत्या है। सुरियावां नगर के उत्तरी छोर पर अति प्राचीन बावन बीघा तालाब है। यहां पर पुराना हनुमान मंदिर स्थित है। दो दशक पहले चंदौली के चकिया क्षेत्र के निवासी सीताराम यहां नौकरी करने के लिए आए थे। स्थानीय लोगों ने करीब 10 साल पहले उन्हें मंदिर की जिम्मेदारी दी थी। सोमवार सुबह जब लोग मंदिर में पूजा करने पहुंचे तो सीताराम का शव मंदिर के बगल में स्थित कमरे में खून से लथपथ मिला। गले में कई स्थानों पर कटने के निशान मिले। आशंका जताई गई कि गला रेतकर हत्या की गई। मंदिर का घंटा और दानपात्र भी गायब मिले।
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पुजारी ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ दिया था प्रार्थनापत्र
पुजारी ने मंदिर पर जुट रहे असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई के लिए कई प्रार्थना पत्र दिया था, मगर प्रभारी निरीक्षक, बीट प्रभारी और दो बीट आरक्षी ने गंभीरता से नहीं लिया। पूर्व में मंदिर से घंटा चोरी होने पर भी लापरवाही बरती गई जिसका नतीजा यह रहा कि पुजारी की हत्या हुई।